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किसी भी माने में पुरुषों से कम नहीं हैं महिलाएं

girlमहिलाएं किसी भी माने में पुरुषों से कम नहीं हैं। कई क्षेत्रों में तो वे पुरुषों को भी पछाड़ चुकी हैं। बात बचत की हो या फिर परिवार को बांधे रखने की, महिलाएं अपनी सारी भूमिकाएं बखूबी निभाती हैं। उन में खूबियों के साथसाथ कुछ ऐसी हरकतें भी होती हैं, जिन का जवाब मिल पाना मुश्किल है। आइए, जानते हैं वे हरकतें कौन सी हैं।

1. पीछे बुराई सामने बखान:- आप ने अकसर अपनी श्रीमती को अपनी सहेली से कहते सुना होगा कि अरे वह नीलिमा न जाने खुद को क्या समझती है। थोड़े अच्छे कपड़े क्या पहनती है, उसे लगता है उस से सुंदर कोई और है ही नहीं। लेकिन जैसे ही श्रीमती की मुलाकात नीलिमा से किसी पार्टी या फंक्शन में होती है तो उन की राय तुरंत बदल जाती है। तब वे कहती हैं कि हाय नीलिमा, आप की साड़ी बहुत सुंदर है। साडि़यों का कलैक्शन आप के पास कमाल का है। कोई कुछ भी कहे, मुझे आप की ड्रैसिंग सैंस बेहद पसंद है। भई, जब आप को तारीफ करनी ही थी तो पीठ पीछे बुराई क्यों की और अगर सच में मन में नफरत थी तो फिर यह तारीफ क्यों? अब आप ही बताएं कि है न यह सोचने वाली बात?

2. सलाह लेंगी पर मन की करेंगी:- अच्छा मांजी मैं व्यायाम क्लास के लिए कहां जाऊं सरकार नगर या बगल वाली बिल्डिंग में? मान लें कि मांजी ने कहा सरकार नगर, लेकिन तब भी वे पति से पूछेंगी, आप को क्या लगता है मुझे व्यायाम क्लास के लिए कहां जाना चाहिए?

3. माना पति ने भी कहा सरकार नगर। पर 2 लोगों से एक सा जवाब पाने के बाद भी उन के दिल को तसल्ली नहीं मिलती। अपनी 2-4 सहेलियां से भी यही सवाल पूछेंगी और आखिर में कहेंगी, मैं सोच रही हूं बगल वाली बिल्डिंग ठीक रहेगी। सरकार नगर वाली क्लास में बाकी सुविधाएं तो ठीक हैं, लेकिन वह घर से थोड़ा दूर है।

4. खाएंगी भी मोटापे से भी डरेंगी:- बस-बस थोड़ा ही देना अरे यह ज्यादा है थोड़ा कम करो, चलो आप कह रही हैं तो चख ही लेती हूं, इतना काफी है ज्यादा खाऊंगी। तो मोटी हो जाऊंगी। जब भी खानेखिलाने की बात होती है महिलाएं अकसर इन जुमलों का इस्तेमाल करती हैं। लेकिन खाती जरूर हैं। इतना ही नहीं, खाने की सामग्री थोड़ाथोड़ा कहतेकहते अधिक भी हो जाती है और किसी को पता भी नहीं चलता। उन्हें भी नहीं। 5 मिनट कहेंगी सजने में घंटों लगा देंगी:- बस

5 मिनट में रैडी हो कर आई, हां३हां३ मैं तैयार हूं बस 3 मिनट, बस आ ही रही हूं। महिलाओं के मुंह से ये वाक्य तब सुनने को मिलते हैं जब वे तैयार हो कर कहीं जाने के मूड में होती हैं। पूछने पर हर बार कहती हैं कि बस 5 मिनट और उन के ये 5 मिनट 5 से 10, 10 से 15, 15 से 20 बढ़ते जाते हैं। हैरान करने वाली बात तो यह है कि तैयार होने में 30 मिनट से भी अधिक समय लगाने के बावजूद कुछ न कुछ बाकी ही रहता है। इस का खुलासा तब होता है जब कोइ उन्हें कहता है कि मिसेज शर्मा, आप बहुत खूबसूरत नजर आ रही है और वे जवाब में कहती हैं, क्या खूबसूरत। मैं तो अच्छी तरह से तैयार भी नहीं हो पाई, शर्माजी को आने की जल्दी जो पड़ी थी। क्यों यह भी सच है न?

6. साथी को बदलेंगी फिर बदलाव से चिढ़ेंगी:- हमसफर भले कितना भी अच्छा क्यों न हो, महिलाओं के लिए वह कभी परफैक्ट नहीं होता है। बारबार टोक कर वे उसे हमेशा सुधारने में लगी रहती हैं। भई, पार्टी में कभी आगे बढ़ कर आप भी लोगों से बात कर लिया करो, आप कभी खुद शौपिंग पर जा कर हमारे लिए कुछ नहीं लाते हो।

7. बेचारे पति कई बार ये ताने सुनने के बाद खुद को बदल लेते हैं। तब वही पत्नियां उन से कहती हैं, पार्टी में तुम्हें लोगो से मिलने की बड़ी जल्दी होती है, यह अपने मन से क्या उठा लाए? जब शौपिंग करनी नहीं आती है तो करते क्यों हो? अब आप ही बताएं कुसूरवार कौन है?

8. शौपिंग के लिए हर वक्त रहेंगी रैडी:- मैं औनलाइन शौंपिंग में यकीन नहीं रखती, कहने वाली महिलाएं को अगर इंटरनैट पर कोई काम करते वक्त साड़ी, सूट या ज्वैलरी का विज्ञापन दिख जाए, तो क्लिक कर के एक बार उसे देखती जरूर हैं। भई, अगर खरीदना नहीं है तो देखना क्यों? कुछ कहती हैं, मैं तो बस फलां मौल से शौपिंग करती हूं। लेकिन अगर पता चल जाए कि पास में ज्वैलरी की नई शौप खुली है तो देखने जरूर पहुंच जाती हैं। खरीदें या न खरीदें यह बाद की बात है। मैं तो बस संडे को शौपिंग करती हूं। ऐसा कहने वाली महिलाओं की भी कोई कमी नहीं है, लेकिन यह भी बस कहने की बात है। कुछ दिनों बाद वे खुद कहती हैं, सोच रही हूं मंडे को शौपिंग पर चली जाऊं, घर में अकेली बैठ कर क्या करूंगी? कहने का मतलब बस यही है कि महिलाएं किसी भी स्थिति में और कहीं भी शौपिंग के लिए तैयार रहती हैं।

9. हर बात को ले कर रहती हैं कन्फ्यूज्ड:- जानू शादी में क्या पहनूं, लहंगासाड़ी या फिर घाघराचोली, मांजी नास्ते में क्या बनाऊं डोसा या ढोकला, क्या करूं यार समझ नहीं पा रही पार्टी में जाऊं या नहीं। बात छोटी हो या बड़ी, फैसले को ले कर महिलाएं हमेशा कन्फ्यूज्ड रहती हैं। करूं या न करूं, जाऊं या नहीं। क्या पहनूं, क्या नहीं खाऊं या न खाऊं जैसी तमाम बातें महिलाओं से जुड़ी होती हैं, लेकिन फैसले को ले कर वे हमेशा हां, न में ही उलझी रहती हैं। मजेदार बात यह है कि महिलाएं जिन बातों को ले कर उलझन में रहती हैं, उन को छोड़ कर कुछ तीसरा ही करती हैं।

10. लड़ेंगी भी रोएंगी भी:-यह कहना गलत नहीं होगा कि पत्नियां पतियों के सामने अपने आंसुओं का इस्तेमाल तलवार की तरह करती हैं, जिन्हें देख कर बेचारे पति खुद घुटने टेक देते हैं। मजेदार बात तो तब होती है जब गलती खुद पत्नी की होती है, लेकिन वे पति पर बरस पड़ती हैं और आखिर में आंसू बहा कर पति को यों एहसास दिलाती हैं जैसे गलती उन की है। बेचारे पति भी कुछ समझ नहीं पाते। पत्नी की आंखों में आंसू देख कर सौरी बोल कर मामले को रफादफा कर देते हैं और पत्नियां मन ही मन मुसकराती हैं। न जानें वे ऐसी क्यों हैं?

11. हर हाल में कहेंगी मैं ठीक हूं:- आप को मेरी कोई फ्रिक नहीं है, कल से मेरी तबीयत खराब है। पर आप को क्या, मेरा सिर दर्द से फटा जा रहा है, लेकिन आप को क्या। जैसी न जानें कितनी बातें हैं, जो पत्नियां अपने पति से अकसर गुस्से में कहती हैं खासकर तब जब पति उन का हालचाल उन से न पूछे। लेकिन पत्नियों के तानों के बाद जब कभी पति पत्नी से पूछता है कि अब दर्द कैसा है या तबीयत कैसी है तो पत्नी कहती है कि मैं ठीक हूं, फिर चाहे दर्द ज्यों का त्यों क्यों न हो। अब आप ही बताएं जब ठीक ही थी तो पति को इतनी बातें सुनाने की क्या जरूरत थी।

12. नाराज भी रहेंगी फिक्र भी करेंगी:- चाहे पति आसमान से चांद ही क्यों न ले आएं, लेकिन पत्नियां हमेशा उन से नाराज ही रहती हैं। लेकिन यह भी सच है कि उन की नाराजगी में फ्रिक भी छिपी होती है। नाराजगी के चलते वे भले फोन लगा कर आप से प्यार भरी बातें न करें, लेकिन नाराजगी के अंदाज में आप की खैरियत का जायजा ले ही लेती हैं। इतना ही नहीं, अपनी नाराजगी को वे हमेशा एक ओर रखती हैं और पति की चायपानी, टिफिन जैसी जरूरतों को एक तरफ, कभी वे अपनी नाराजगी में पति का नुकसान नहीं करती हैं। अब आप ही बताएं क्या वे ऐसी नहीं हैं?