गुजरात मे मानवता को शर्मसार करती दलित उत्पीड़न की बड़ी घटना- दलित से चटवाये गये जूते
January 3, 2018
अहमदाबाद, गुजरात मे दलित उत्पीड़न की इस बड़ी घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. गुजरात में पुलिस थाने के अंदर एकदलित से जबरन पुलिसवालों के जूते चटाए गए। दलित युवक को 15 पुलिस वालों के जूते चाटने पड़े.
गुजरात में अहमदाबाद के अमराईइवाड़ी मे एक 40 साल के एक दलित ने एससी-एसटी ऐक्ट के तहत केस दर्ज कराया है। पीड़ित पर 29 दिसंबर को कथित रूप से एक पुलिसवाले पर हमले का आरोप है। पीड़ित का कहना है कि पुलिस थाने के अंदर उसे जबरन पुलिसवालों के जूते चटाए गए।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, साईंबाबा नगर सोसायटी के रहने वाले हर्षद जाधव टेलिविजन सेटों की मरम्मत का काम करते हैं। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि साईंबाबा मंदिर के पास स्थित उनके घर के पास 29 दिसंबर को लोगों की भीड़ हंगामा कर रही थी। घटना की जानकारी लेने के लिए हर्षद वहां पर पहुंचे।उन्होने एक शख्स से घटना के बारे में जानकारी लेनी चाही, वह शख्स कॉन्स्टेबल था। इस बीच कॉन्स्टेबल से उनका झगड़ा हो गया।
कॉन्स्टेबल ने हर्षद पर डंडा चला दिया। हमले से बचने की कोशिश में जाधव की उंगली में चोट आ गई। जब उनकी पत्नी और मां ने विवाद में दखल देने की कोशिश की, तो आरोपी के साथ अन्य लोगों ने बदसलूकी करते हुए अपशब्द कहे। जाधव के परिवार के तीनों सदस्यों को पुलिस स्टेशन पर लाया गया और जाधव को कॉन्स्टेबल पर हमले के आरोप में लॉकअप में बंद कर दिया गया।पुलिस कॉन्स्टेबल की पहचान विनोदभाई बाबूभाई के रूप में हुई।
दोपहर में हर्षद जाधव को लॉकअप से बाहर निकालकर उसकी जाति पूछी गई। मुताबिक विनोद और दूसरे पुलिसवालों ने उन्हें जाधव से कॉन्स्टेबल विनोद के पैर छूकर माफी मांगने को कहा गया। जब जाधव ने नीचे झुकते हुए माफी मांगी, तो वरिष्ठ अधिकारियों ने उनसे विनोद के अलावा थाने में मौजूद सभी पुलिसवालों के जूते चाटने को कहा गया। लगभग 15 पुलिसकर्मी इस दौरान थाने में मौजूद थे।
दलित युवक हर्षद जाधव का कहना है कि जब उन्होंने ऐसा करने से मना किया, तो जबरन उनसे जूता चटाया गया। इसके बाद जाधव को दोबारा लॉकअप में डाल दिया गया।पुलिस की कारगुजारी यहीं नहीं रुकी। उन्हें घटना के बारे में जज के साथ ही किसी को न बताने की धमकी दी गई। अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि धमकी से डरकर उन्होंने जज के सामने कुछ भी नहीं बताया। जाधव का कहना है कि पुलिस प्रताड़ना की वजह से उनकी पत्नी को भी अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है।