लखनऊ, भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर उर्फ रावण को यूपी की योगा आदित्यनाथ सरकार क्यों जेल मे ही बंद रखना चाहती है. अदालत के भीम आर्मी चीफ को रिहा करने आदेश के बावजूद योगी सरकार ने पहले तो रासुका लगायी और अब रासुका की अवधि बढ़ा दी है.
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सहारनपुर जिले में जातीय हिंसा के मामले में जेल में बंद भीम आर्मी चीफ चन्द्रशेखर पर लगी रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) की अवधि को तीन माह के लिये जिला प्रशासन ने बढ़ा दिया है. रासुका की अवधि 3 फरवरी को समाप्त हो रही है, लेकिन इससे पहले ही प्रशासन ने रासुका की अवधि को तीन माह के लिये बढ़ा दिया है.
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चन्द्रशेखर के अधिवक्ता हरपाल सिंह ने जानकारी देते हुए कहा कि चन्द्रशेखर उर्फ रावण को रिहा करने आदेश के बावजूद योगी सरकार ने पहले तो रासुका लगायी और अब रासुका की अवधि बढ़ा दी है. भीम आर्मी ने योगी सरकार के इस फैसले को दलित नेता के साथ अत्याचार बताया है और इसकी कड़े शब्दों मे निंदा की है. सूत्रों के अनुसार, भीम आर्मी जिला प्रशासन के इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जायेगी.
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5 मई 2017 को महाराणा प्रताप जयंती पर शब्बीरपुर गांव से 11 किलोमीटर दूर शिमलाना गांव जा रहे राजपूतों ने बिना अनुमति के जुलूस निकाला. तेज म्यूजिक और डीजे के साथ जब 25-30 राजपूत युवा शब्बीरपुर गांव से निकले तो दो पक्षों मे विवाद हो गया जिसने बाद मे जातीय हिंसा का रूप ले लिया. इस घटना में एक की मौत हुई और दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. दलित समुदाय के लोगों ने प्रशासन पर उनके साथ भेदभाव करने का आरोप भी लगाया था.