तेजस्वी यादव ने की 70 प्रतिशत आरक्षण करने की मांग, आरएसएस प्रमुख को दी ये चुनौती…
February 8, 2018
पटना, बिहार मे विपक्ष के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने तमिलनाडु की तर्ज पर बिहार में आरक्षण व्यवस्था की मांग की है। उन्होंने आबादी के अनुपात में आरक्षण बढ़ाने की वकालत करते हुए कहा कि आरक्षण की सीमा 70 फीसदी की जाए।
स्व. जंगी सिंह चौधरी की 20वीं पुण्यतिथि पर आयोजित नोनिया समाज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने वादा किया कि राजद संगठन में महादलितों और अति पिछड़ों को 60 फीसद हिस्सेदारी दी जाएगी। सभी वर्गों को उचित सम्मान मिलेगा। उन्होंने कहा कि आबादी के अनुपात में आरक्षण का दायरा भी बढऩा चाहिए। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने की भी मांग की।
पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि आरएसएस के प्रधान मोहन भागवत ने आरक्षण का विरोध किया था। वही मोहन भागवत अब 10 दिनों तक बिहार में घूमकर जहर घोल रहे हैं। तेजस्वी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को चुनौती देते हुए कहा कि वह आरक्षण खत्म करके दिखाएं। उन्होने कहा कि राजद की यही कामना है कि आबादी के अनुसार आरक्षण में हिस्सेदारी मिले।
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कर्पूरी ठाकुर की आरक्षण नीति का विरोध करने का आरोप लगाया और कहा कि अब वह जनता के नहीं, बल्कि अफसरों के मुख्यमंत्री बनकर रह गए हैं। तेजस्वी के अनुसार, नीतीश जी आरक्षण के मुद्दे पर जननायक कर्पूरी जी के खिलाफ थे। उन्होंने आरक्षण के खिलाफ में पर्चा भी बांटा था।
तेजस्वी यादव ने खुद की तुलना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से करते हुए कहा कि उम्र के हिसाब से नीतीश कुमार की राजनीति ज्यादा से ज्यादा पांच वर्षों तक चलेगी, जबकि उनकी राजनीति 50 वर्षों तक चलेगी। इसलिए लोगों को नीतीश के बारे में नहीं सोचना चाहिए। नोनिया समाज के लोगों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग अपनी ताकत इधर लगाइए। आप लोग उधर कहां देख रहे हैं, हमारा साथ दीजिए। असमंजस की स्थिति में नहीं रहिए। आप लोगों का आशीर्वाद चाहिए। इस पर पूरे राज्य से जुटे अति पिछड़े खासकर नोनिया-बिंद-बेलदार समाज के लोगों ने खूब तालियां बजायी।
तेजस्वी यादव ने भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार पर बड़ा हमला करते हुये कहा कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा 2 एकड़ 56 डिसमिल जमीन पर जबरन कब्जा करने के आरोप में एफआईआर हुई है। इसके पहले उन्हीं के घर से चोरी गए करोड़ों रुपए की बरामदगी भी हुई थी। ऐसे में क्या नीतीश कुमार सत्तारूढ़ गठबंधन तोड़ेंगे? डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी चुप हैं। कुछ क्यों नहीं बोल रहे?