लखनऊ, बसपा सुप्रीमो मायावती ने दयाशंकर प्रकरण पर प्रेस कांफ्रेंस के जरिए सपा और भाजपा दोनों पर जमकर हमला बोला। मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर दयाशंकर की मां, पत्नी और बेटी के बारे में आपत्तिजनक बयान देने के मामले में अपनी पार्टी के नेता नसीमुद्दीन सिद्दकी का बचाव किया. उन्होंने कहा कि नसीमुद्दीन ने कुछ गलत नहीं किया, बल्कि उसके नारों का गलत मतलब निकाला गया. उन्होने कहा कि दयाशंकर की मां, बेटी और बहन को पेश करने का गलत मतलब निकाला गया है। हमारा कहने का मतलब था कि हम उनसे पूछना चाहते थे कि क्या वह दयाशंकर सिंह द्वारा इस्तेमाल की गयी भाषा से सहमत हैं या नहीं।
मायावती ने कहा कि दयाशंकर सिंह की पत्नी अपने पति को बचाने के लिए यह सब कर रही हैं। वह अपने पति की अमर्यादित भाषा के मामले को दबाने के लिए यह सब कर रही हैं। यह सब भाजपा की शह पर लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है। ऐसे में अगर दयाशंकर की पत्नी ने अपने पति के खिलाफ मामला दर्ज कराया होता तो लोग उन्हें पलकों पर बैठा लेते। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं करके अपनी दोहरी मानसिकता का परिचय दिया है। अच्छा होता कि अगर दयाशंकर सिंह की मां और पत्नी ने जो शिकायत अपनी बेटी और खुद के अपमान के लिए दर्ज करायी है, उसके साथ ही अपने पति पर भी मामला दर्ज कराती।
उन्होने कहा कि राजनीतिक साजिश के तहत भाजपा के लोगों ने हमारे नेताओं के खिलाफ महिलाओं के अपमान करने का आरोप लगाया है। दयाशंकर सिंह से जानबूझकर गलत भाषा का इस्तेमाल कराया गया है। मायावती ने कहा कि गुजरात में दलितों के प्रति घिनौना काम प्रशासन की शह पर हो रहा है, इसका विरोध मैंने संसद और संसद के बाहर किया है। मेरे खिलाफ अपशब्द कहकर भाजपा ने दलितों को मेरे समर्थन में पहले की तुलना में और मजबूती से लाकर खड़ा कर दिया है। दलित वर्ग के वोटों में सेंध लगाने के लिए भाजपा और पीएम मोदी ने किस्म किस्म की ड्रामेबाजी कर रहे हैं।