सपा-बसपा के बीच सीटें तय, मायावती- अखिलेश लड़ेंगे चुनाव, ये दो पर्व गठबंधन के लिये महत्वपूर्ण
April 4, 2018
लखनऊ, उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन की रूपरेखा लगभग तय हो गयी है। महागठबंधन में सीटों के आवंटन का आधार लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन के आधार पर किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि 2014 के चुनाव में समाजवादी पार्टी पांच सीटों पर जीती थी और 31 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी और अभी उपचुनाव में उसने दो सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं बसपा ने 2014 के चुनावों में किसी सीट पर जीत नहीं दर्ज की और 34 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। जबकि कांग्रेस की मात्र दो सीटें आई थीं और रालोद एक भी सीट नहीं जीत सकी थी।
सूत्रों के अनुसार, फार्मूले के हिसाब से सपा को 38 और बसपा को 34 सीटें मिलती हैं लेकिन अखिलेश यादव कह चुके हैं कि भाजपा को हराने के लिए हम बड़ा दिल दिखाते हुए ‘त्याग’ करने को तैयार हैं। बताया जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनावों में बसपा 35 सीटों पर और सपा 30 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। बाकी 15 सीटें अन्य दलों के लिए छोड़ी जाएंगी जिनमें कांग्रेस भी शामिल है। महा गठबंधन में कांग्रेस शामिल है और रालोद को भी शामिल किया जा सकता है।
सपा-बसपा गठबंधन के लिये दो पवित्र त्योहार महत्वपूर्ण होंगे जिन पर ये घोषणायें होंगी। 14 अप्रैल को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की जयंती है और उस दिन मायावती अपने काडर को सपा के साथ सहयोग करने का संदेश देंगी। वहीं बसपा के सूत्रों ने बताया है कि मई माह में पार्टी की अहम बैठक होनी है जिसके बाद जून में ईद के दिन महागठबंधन के बीच हुए समझौते का औपचारिक ऐलान किया जा सकता है।
मायावती पिछला लोकसभा और विधानसभा चुनाव नहीं लड़ी थीं और माना यही गया था कि इसके कारण पार्टी के कार्यकर्ता निष्क्रिय रहे। इसलिए इस बार मायावती के लिए बिजनौर या अम्बेडकर नगर सीट का चयन किया गया है। वहीं दूसरी तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कन्नौज सीट से चुनाव लड़ेंगे। कन्नौज से अखिलेश पूर्व में सांसद रह चुके हैं वर्तमान में यह सीट उनकी पत्नी डिंपल यादव के पास है जोकि अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी।