सीहोर, मध्यप्रदेश के नसरुल्लागंज तहसील क्षेत्र के चार दर्जन से अधिक दलित परिवारों ने मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग की है। मध्य प्रदेश विधानसभा में शिवराज के विधानसभा क्षेत्र में दलितों द्वारा इच्छामृत्यु मांगने के मामले को कांग्रेस ने अपना हथियार बनाया और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा। दलित परिवारों के सदस्यों ने बताया कि हमें सरकार ने 15 साल पहले वर्ष 2002 में एक-एक हेक्टेयर जमीनों के पट्टे दिए गए थे। लेकिन मौके पर कब्जा आज तक नहीं दिलाया गया। उनकी जमीन पर गांव के दबंगों ने कब्जा कर लिया है। जिसकी शिकायत भी प्रशासन से वह कई बार चुके है। लेकिन किसी ने भी सहायता नहीं की। ये परिवार सीहोर जिले में मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में नसरल्लागंज इलाके के हैं.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उज्ज्वला योजना के शुभारंभ करने नसरुल्लागंज पहुंचने पर राष्ट्रीय दलित चेतना मंच के प्रदेश सचिव जसवंत सिंह के नेतृत्व में 50 दलित परिवारों ने एक आवेदन सौंपा। दलित परिवारों ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को आवेदन सौंपकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। उनका कहना है कि सरकार ने दलित भूमिहीन परिवारों को जमीन के पट्टे तो दिए, लेकिन उन्हें अब तक कब्जा नहीं मिला है। गांव के दबंग गांव वालों को मारने की धमकी भी देते हैं. 15 सालों से जैसे-तैसे जीवन यापन करने वाले गावं वाले अब थक चुके हैं और परिवार वाले भूखे मर रहे हैं, इसलिए इन लोगों ने सीएम शिवराज से इच्छामृत्यु की मांग की है. बुदनी के जो ग्रामीण इच्छामृत्यु मांग रहे हैं उनमें बोरखेड़ी, वासुदेव, सोहनखेडी और जोगला गांव के लोग हैं. इस मौके पर राष्ट्रीय दलित चेतना मंच के बैनर तले क्षेत्र के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के बहुत से लोग मौजूद थे। उन्होंने मुख्यमंत्री से कहा कि हमें यदि आप जमीनों के कब्जे नहीं दिला सकते तो कम से कम हमें इच्छा मृत्यु की अनुमति दे दो।
कांग्रेस ने सरकार को दलित विरोधी बताते हुए निशाना साधा। इस दौरान कांग्रेस के विधायक सदन से बाहर निकल कर नारेबाजी करने लगे। इससे पहले भी शिवराज की विधानसभा में एक दलित महिला की मौत को लेकर भी कांग्रेस सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगा चुकी है।