टीवी कलाकार हर्षद अरोड़ा अब एक नए रूप में नजर आने वाले हैं. NEWS85 कि रिपोर्टर आभा यादव से खास वार्ता में हर्षद अरोड़ा ने बताया कि, स्टार भारत के शो “मायावीमंलिग” में मेरी भूमिका बहुत चुनौतीपूर्ण हैं क्योंकि एेसा पहली बार होने जा रहा है कि जब वे दर्शकों के सामने मैं विलेन के रूप में आ रहा हूं.
हर्षद अरोड़ा ने बताया मैं दिल्ली के प्रीतमपुरा से हुं। मेरा कोई प्री-प्लान नही था। मैं पीआर बैकग्राउंड से हुं और एडवरटाइजिंग से पीआर में था। मैं जिस कंपनी के साथ था वो दिल्ली बेस्ड कंपनी (मालवीय नगर) में काम करता था। जहा पर मैं रिपोर्ट्स के पास जाता था और उनसे बोलता था कि हमारे क्लाइंट्स को पेपर में डाल दो। अब थोड़ा इस तरफ आ गया। मैं जब पीआर में था तो मुझे मॉडलिंग के कॉल्स आते थे। मैं पार्ट टाइम मॉडलिंग भी करता था। जब फोन ऑडिशन के लिए आये तो मैंने सोचा एक ट्राई तो बनता है। घर बैठे तो कुछ होगा नही पीआर में मज़ा भी नही आ रहा था। मुझे लग रहा था कि अब मुझसे पीआर होगा नही शायद, मैं इसके लिए बना ही नही। फिर एक दिन मैंने सब पेपर, लैपटॉप, फोन वगैरा अपने बॉस को डेस्क पर दिया और कहा अब मुझे जाने की इजाजत दे। बस 6-7 महीने बाद “बेइंतहा” सीरियल हो गया फिर “दहलीज” हो गया। उसके बाद चीजे बनती चली गई।
उन्होनें आगे बताया कि क्योंकि मैंने कभी निगेटिव रोल किया ही नही था। फिर सोचा अगर सीखना ही है तो इससे बड़ी सीख कुछ हो ही नही सकती। राम बन कर भी देख लिया अब रावण बन कर देख लू। मैं इस नई चुनौती से बहुत ही उत्साहित हूं। मुझे कभी भी ऐसी भूमिका निभाने का मौका नहीं मिला है। इस सीरियल में विलेन के तौर पर कई नए तरह के लेयर्स भी है जिन्हें अभिनय के माध्यम से दिखाने का अवसर मिला। इसमे मेरा अभिनय बहुत ही अलग है।
हर्षद अरोड़ा ने कहा मुझे मजा आता है ड्रामा, फिक्शन में जहाँ आप अपनी एक्टिंग कैपिबिलिटी किसी को दिखा सकते है। रियलिटी शो में जो आप है वो आप है। बस एक फॉर्मेट है जो फॉलो कर रहे है। आप एक एक्टर के तौर पर उसमे ग्रो नही कर रहे हो। मुझे एक्टिंग से प्यार है, मेरा मकसद सिर्फ ये ही है की हर प्रोजेक्ट्स से कैसे कुछ सीखू।