विवादित बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने फिर अपने ही मुख्यमंत्री पर हमला बोला और उपचुनाव में हार का जिम्मेदार उन्हीं को ठहरा दिया.उन्होनें कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार के मुखिया हैं, लिहाजा जिम्मेदारी उनकी ही बनती है. इसके साथ ही ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ये कटु सत्य है कि 2017 का चुनाव केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में लड़ा गया था. वह प्रदेश अध्यक्ष थे, उन्होंने मेहनत की और मुख्यमंत्री बनाने की बात आई तो योगी आदित्यनाथ जी को बना दिया गया.
उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश के सैनी, कुशवाहा, मौर्या, शाक्य समेत तमाम पिछड़ी जातियों ने बीजेपी को इस उम्मीद से वोट दिया था कि मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बनाए जाएंगे लेकिन, ऐसा नहीं हुआ. उन्होंने कहा पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक की जो भागीदारी होनी चाहिए वह सुनिश्चित नहीं है. शासन-प्रशासन में पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक की भागीदार सुनिश्चित होनी चाहिए, लेकिन थाने, तहसील, कचहरी आदि में वह नहीं हो पा रही है.
क्या केशव प्रसाद मौर्य सीएम होते तो स्थिति ज्यादा बेहतर होती? इस सवाल पर ओम प्रकाश राजभर ने बस इतना कहा कि देखिए पांत में बैठे लोगों में पूड़ी परोसने वाला किसी का खास होगा या परिचित होता है तो उसको तो पूड़ी ज्यादा दी ही जाती है.
राजभर ने बताया कि कैराना में हार की वजह गन्ना किसानों की भुगतान का भी मुद्दा रहा. शायद हमारी सरकार में कुछ समस्या रह गई होगी, लेकिन अधिकारी आज भी नहीं बदले हैं. वे पुराने सरकार की तरह ही काम कर रहे हैं. पत्रों को राशन कार्ड, आवास और शौचालय जैसी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. यह बड़ी समस्या है.