लखनऊ, प्रदेश की अफसरशाही की सबसे बड़ी कुर्सी जल्द ही खाली होने वाली है. लिहाजा, इसके लिए नए अफसरों के नाम पर अटकलबाजी बढ़ गई है. मुख्य सचिव पद के दावेदार माने जा रहे अफसरों के पक्ष और विपक्ष में कई तर्क गिनाए जा रहे हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव से पहले इस पद के लिए नाम फाइनल होने में जातीय समीकरण भी काम करेगा, इसके पुख्ता दावे किए जा रहे हैं.
मुख्य सचिव राजीव कुमार 30 जून को रिटायर हो रहे हैं. वरिष्ठता के लिहाज से पहला नाम राजस्व परिषद के चेयरमैन और काडर के वरिष्ठतम आईएएस अधिकारी प्रवीर कुमार का आता है. यदि पिछली बार की तरह वह फिर सरकार की पसंद नहीं बने तो 1984 बैच के तीन अफसरों अनूप चंद्र पांडेय, संजय अग्रवाल और दुर्गाशंकर मिश्र में से कोई भी सरकार की पसंद बन सकता है.
अनूप चंद्र पांडेय अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास तथा संस्थागत वित्त की जिम्मेदारी देख रहे हैं. संजय अग्रवाल लोक निर्माण, उच्च व माध्यमिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव हैं। 1984 बैच के सबसे वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दुर्गाशंकर मिश्र केंद्र के शहरी विकास मंत्रालय में सचिव हैं.