रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) लिस्ट में आने वाले एटीएम पर यह फैसला लिया है। आरबीआई ने ऐसे बैंकों की सूची तैयार कर ली है और उनके एटीएम बंद करने का काम भी शुरू कर दिया हैं। इस सूची में इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सेंट्रल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक शामिल हैं।
आरबीआई ने कास्ट को कम करने के लिए इन बैंकों के एटीएम को बंद करने का फैसला किया है। सू6ों के अनुसार, आरबीआई ने पिछले साल भी 1,635 एटीएम बंद किए थे। ये एटीएम भी पीसीए की लिस्ट में आ गए थे। पिछले साल अप्रैल में बैंक के एटीएम की संख्या 3,500 थी, जो अब 3 हजार हो गई है। जब बीते साल में ग्रामीण भारत सहित देश में कैश विदड्रॉअल 22 प्रतिशत बढ़ा है। तब आरबीआई ने यह फैसला लिया।
एटीएम में कटौती आरबीआई के रेगुलेटरी ऑर्डर्स के बाद की जा रही है। सबसे ज्यादा एटीएम इंडियन ओवरसीज बैंक ने बंद किए हैं। इंडियन ओवरसीज बैंक ने की सबसे ज्यादा कटौती बैंक ने अपने 15 प्रतिशत एटीएम के शटर गिरा दिए हैं। इसके बाद कैनरा बैंक और यूको बैंक हैं, जिन्होंने अपने 7.6 प्रतिशत एटीएम बंद किए हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा और पंजाब नेशनल बैंक ऐसे दो बैंक हैं, जो पीसीए से बाहर होने के बावजूद एटीएम में कटौती कर रहे हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2,000 एटीएम बंद किए हैं, वहीं स्कैम में फंसे पीएनबी ने 1,000 एटीएम बंद किए। सूत्रों के अनुसार, एक एटीएम की कीमत 2.5 लाख होती है और ऑपरेशनल कॉस्ट 4.-5 लाख के बीच। इसपर 20 लाख रुपये और जोड़ लें जिसपर कोई रिटर्न नहीं मिलता। अपने नेटवर्क पर नकदी और फ्री ट्रांस्जैक्शन का प्रबंधन करते हैं, और फिर हमारे ग्राहक अन्य बैंकों के एटीएम का उपयोग करते हैं। इससे एटीएम बिजनेस मे कोई भी आकर्षण नहीं है।