अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार में 22 दिसम्बर 2016 को जिस पूर्वांचल एक्सप्रेस.वे का शिलान्यास हो गया था। उसी एक्सप्रेस वे का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 14 जुलाई को करने जा रहे है। समाजवादी सरकार में लखनऊ से बलिया .बिहार बार्डर तक जाने वाले समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस.वे को गाजीपुर तक सीमित कर दिया गया है। भाजपा अपनी कोई नई योजना देने के बजाय समाजवादी योजनाओं से श्समाजवादीश् शब्द हटाकर हमारी खड़ी फसल काटने की साजिश करती रहती है।
उन्होने कहा कि सपा सरकार में पूर्वांचल एक्सप्रेस.वे परियोजना के लिए 50 फीसदी जमींन किसानों से उचित दर पर अधिकृत कर ली गई थी। किसानों ने इसमें सहयोग किया इसके लिए उन्हें धन्यवाद। भाजपा सरकार में इस परियोजना को बार.बार लटकाया गया है। यहां तक कि एक बार टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद टेक्निकल बिड के नाम पर इसे निरस्त भी किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार ने पूर्वांचल एक्सप्रेस.वे बनाने के लिये दोबारा टेंडर प्रक्रिया होने पर पहले से करीब दोगुनी कम्पनियों को इसमें शामिल किया गया। अपने चेहेते वेण्डर को काम देने के लिए समाजवादी सरकार में छह पैकेजेस में बनने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेस.वे को आठ पैकेजेस में बनाने की योजना है। उन्होने कहा कि भाजपा सरकार ने जनहित की तमाम योजनाएं या तो रोक दी हैं या उनको लटकाने का काम किया है। पूर्वांचल एक्सप्रेस.वे पर बढ़ी हुई निर्माण लागत के साथ जीएसटी की भी मार पड़ी है। इस योजना के लिए 8.30 प्रतिशत की दर से पी.एन.बी से 12 हजार करोड़ रूपए का कर्ज भी लिया गया है। इस पर लगने वाली जीएसटी से कीमत में वृद्धि के कारण जन साधारण को मंहगा टोल देना होगा।
अखिलेश यादव ने कहा कि सपा सरकार में शुरू हुई कानपुर मेट्रो परियोजना निर्माण.लागत भी जीएसटी लगाने से 104 करोड़ रूपए बढ़ गई थी। भाजपा की प्राथमिकता में गांव.खेती.किसान कभी नहीं रहे है। वह कारपोरेट दुनिया में विचरना पंसद करती है। गांवों में खुशहाली और रोजगार की संभावनाओं को भाजपा ने खत्म कर दिया हैं। किसान और जन सामान्य के हितों से खिलवाड़ करने वाली भाजपा को माफ करने वाले नहीं है। समय आने पर भाजपा को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।