नई दिल्ली, एससी/एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले और आरक्षण सहित अन्य मामलों को लेकर आज ऑल इंडिया आंबेडकर महासभा ने ‘भारत बंद’ को टाल दिया है, लेकिन देश भर के अलग-अलग राज्यों में धरना प्रदर्शन करेंगे. हालांकि, एससी/एसटी संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित हो चुका है. अब इसे राज्यसभा में पेश किया गया है.ऑल इंडिया आंबेडकर महासभा ने कहा, ‘एससी/एसटी ऐक्ट को लागू करने की हमारी बड़ी मांग पूरी हो गई है।
ऑल इंडिया आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष अशोक भारती ने कहा, ‘एससी/एसटी ऐक्ट को लागू करने की हमारी बड़ी मांग पूरी हो गई है. लेकिन दूसरी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने बताया कि हम लोगों की दुकानें और सड़क बंद नहीं करेंगे.दिल्ली के जंतर-मंतर पर दलित संगठन अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं. वहीं, ओडिशा के भुनेश्वर में भी हजारों दलितों के उतरने की संभावना है.
अशोक भारती ने बताया कि उत्तर प्रदेश और बिहार में कई शहरों में दलित समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं. मध्य प्रदेश में तो शिवराज सरकार ने धारा 144 लगा दिया है. बता दें कि पिछली बार के भारत बंद से सबक लेते हुए मध्य प्रदेश पुलिस इस बार हाई अलर्ट पर है. कई जिलों में प्रशासन ने धारा-144 लगा दिया है.
भारत बंद को वापस लेने से पहले भी केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने लोगों से अपील की थी कि वे 9 अगस्त को होने वाले भारत बंद में हिस्सा न लें। आठवले ने लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की थी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश में एससी/एसटी ऐक्ट के तहत गिरफ्तारी में कुछ सेफगार्ड्स थे। लोकसभा में पारित संशोधन विधेयक में इनको हटा दिया गया है।
ऑल इंडिया आंबेडकर महासभा की तरफ से कई राजनीतिक दलों समेत राहुल गांधी, ममता बनर्जी, एचडी देवगौड़ा, शरद यादव, सीतारम येचुरी, डी राजा और वीएम सिंह जैसे नेताओं को दलितों का सपॉर्ट करने के लिए शुक्रिया कहा गया है।
दलित संगठनों ने बंद की तारीख बढ़ा दी है और केंद्र सरकार से अन्य मांगों को पूरा करने का दबाव बनाया है। उनकी मांगों में दलित नेताओं को जेल से रिहा करने की मांग भी शामिल है। अशोक भारती ने कहा कि वह दूसरी मांगों को पूरा करने के लिए नई डेडलाइन देंगे।