नई दिल्ली, मोदी सरकार ने ट्रिपल तलाक विधेयक से संबंधित संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है. ट्रिपल तलाक से जुड़े संशोधन बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है. इस अपराध को संशोधन के बाद भी जमानती नहीं बनाया गया है. यानी अभी भी यह गैर जमानती अपराध ही है. मगर अब मजिस्ट्रेट को यह अधिकार दिया गया है कि वह आरोपी को ज़मानत दे सकता है. इसके अलावा, पत्नी तथा उसके रक्तसंबंधियों को FIR दर्ज कराने का हक होगा.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तलाक-ए-बिद्दत (एक बार में तीन तलाक) के दोषी व्यक्ति को जमानत देने के प्रावधान को विधेयक में जोड़ने की मंजूरी दे दी. एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी बना रहेगा और इसके लिए पति को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है. मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक को लोकसभा ने मंजूरी दे दी थी, यह राज्यसभा में लंबित है जहां सरकार के पास संख्याबल कम है. विपक्षी दलों की मांगों में से एक इस विधेयक में जमानत का प्रावधान जोड़ना भी शामिल था.
बता दें कि पिछले सत्र में राज्यसभा में इस विधेयक पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोंक झोंक देखने को मिली थी. जब विपक्ष की तरफ से विधेयक को त्रुटिपूर्ण बताते हुए प्रवर समिति में भेजने की मांग की गई थी. कांग्रेस की तरफ से लोकसभा में बिल में पीड़ित महिला को पति के जेल जाने के बाद गुजारा भत्ता दिए जाने का संशोधन पेश किया गया था लेकिन यह संशोधन निचले सदन में गिर गया.