नई दिल्ली, सरकारी बंगला छोड़ने के बाद 9 मॉल एवेन्यू स्थित अपने आवास में शिफ्ट होने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज कई अहम मुद्दों पर पत्रकारों के साथ बातचीत की.
बसपा सुप्रीमो ने भाजपा पर ओबीसी व एससी-एसटी वर्ग से भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खाली पड़े पदों पर भर्तियां नहीं कर रही बस महापुरुषों का नाम लेकर युवाओं को बहलाने का प्रयास कर रही है। इसे लेकर जनता में भाजपा के प्रति भारी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि दो अप्रैल को एससी-एसटी एक्ट को लेकर हुए भारत बंद में प्रदर्शन कर रहे अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के युवाओं को जेल में डाल दिया गया। इससे भाजपा का पिछड़ा व दलित विरोधी चेहरा ही सामने आया है।
मायावती ने कहा कि भाजपा के लोग दोहरे चालचरित्र वाले लोग हैं। इनकी कथनी व करनी में बहुत अंतर है। इसलिए इन पर भरोसा करना अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसी बात है। वहीं, भाजपा द्वारा दलित शब्द के प्रयोग पर आपत्ति दर्ज कराने पर मायावती ने कहा कि हमारे संविधान में हमारे देश का नाम भारत है, पर आरएसएस व भाजपा के लोग इसे हिंदुस्तान भी कहते हैं। जब उन्हें देश को हिंदुस्तान कहने से आपत्ति नहीं है तो अनुसूचित जाति व जनजाति के लोगों को दलित कहने से क्यों शिकायत है। जबकि आम बोलचाल की भाषा में एससी-एसटी वर्ग के लिए दलित शब्द का ही इस्तेमाल किया जाता है।
बसपा सुप्रीमो ने भाजपा पर चुनावी वादा खिलाफी का आरोप भी लगाया. मायावती ने कहा कि ‘भाजपा ने जनता से वादा खिलाफी की है. बीजेपी द्वारा 500 और 1 हजार के नोट पर प्रतिबंद राष्ट्रीय त्रासदी साबित हुई है. नोटबंदी के दौरान आम जनता को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ा. बीजेपी का नोटबंदी का फैसला जनता पर आर्थिक इमरजेंसी साबित हुआ है. जिसके लिए भाजपा को जनता से माफी मांगना चाहिए.’
रुपये पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘अंतराष्ट्रीय बाजार में रुपये की कीमत रिकॉर्ड तोड़ गिरती जा रही है. वहीं पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने भी आम आदमी के लिए समस्याएं खड़ी कर दी हैं. देश में रोजगार का संकट बढ़ता जा रहा है. बीजेपी ने अच्छे दिन के सपने दिखाकर देश की जनता का बुरा हाल कर दिया है. धन्ना सेठों को छोड़कर देश में किसी का भी भला नहीं हुआ है.’
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे-वैसे भाजपा जनता का ध्यान बंटाने के लिए नए-नए तरीके अपना रही है। यहां तक कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तक को नहीं बख्शा। उनकी मौत के बाद भाजपा इसे भी भुनाने का प्रयास कर रही है। मायावती ने कहा कि अटल जी के जीते जी तो भाजपा ने कभी उनके पदचिन्हों पर चलने की कोशिश नहीं की पर अब उनकी मौत को भुनाने की कोशिश कर रही है।
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