जरूरत पर नहीं मिलती खिलाड़ियों को मदद, गांव की प्रतिभा गांव में ही रह जा रही – पद्मश्री योगेश्वर दत्त
September 20, 2018
झुंझुनू, गांव की प्रतिभा गांव में ही रह जा रही क्योंकि खिलाड़ियों को जरूरत के समय मदद नही मिलती है। ओलम्पिक पदक विजेता और पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त पहलवान योगेश्वर दत्त ने झुंझुनूं जिले के पिलानी के बिट्स में आयोजित सालाना खेल महाकुंभ बोसम के शुभारंभ पर आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह बात कही।
योगेश्वर दत्त ने कहा है कि जब खिलाड़ियों को संसाधनों और सहायता की जरूरत पड़ती है तब उनकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आता। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी जब मैडल जीतते या फिर अपना लोहा मनवाते है तो सहायता देने वालों की लाइन लग जाती है। असल में सरकार को सब जूनियर स्तर से ही सहायता उपलब्ध करानी चाहिए ताकि गांव की प्रतिभा गांव में ही दबकर नहीं रहे और आगे बढ़ सके।उन्होंने कहा कि देश में इतने अच्छे खिलाड़ी गांवों से निकलकर आए है। इसके बावजूद गांवों में आज भी सुविधाओं का अभाव है।
उन्होंने खुद के प्रदर्शन पर कहा कि वह कोशिश कर रहे है कि अगले ओलंपिक में देश के लिए खेलें। उन्होंने हरियाणा में एकेडमी खोली है और 200 से अधिक खिलाडिय़ों को तैयार कर रहे हैं। उनका सपना है कि देश में ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी तैयार किए जाए। उन्होंने कहा कि कुश्ती का पहलवान चमक-धमक से दूर रहे उतना ही अच्छा है। अन्य खेलों की तरह यदि पहलवान भी चमक-धमक में आ जाए तो वह खेल नहीं सकता।
बोसम के तहत चार दिनों तक लगातार खेलकूद प्रतियोगिताएं होगी जिसमें देश के यूनिवर्सिटी और कॉलेज के हजारों विद्यार्थी हिस्सा ले रहे हैं।