नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के जरिए देश को संबोधित किया. इस कार्यक्रम का यह 48वां एपीसोड था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज संबोधन काफी महत्वपूर्ण था.
पीएम ने कहा- अक्तूबर महीना हो, जय प्रकाश नारायण जी की जन्म-जयन्ती हो, राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी की जन्म शताब्दी वर्ष का प्रारंभ होता हो, ये सभी महापुरुष हम सब को प्रेरणा देते रहे हैं उनको हम नमन करते हैं. उन्होनें कहा आज राष्ट्रीय स्तर पर मानव अधिकार के काम के साथ-साथ 26 राज्यों में मानव अधिकार आयोग भी गठन किया है. एक समाज के रूप में हमें मानव अधिकारों के महत्व को समझने और आचरण में लाने की आवश्यकता है – ये ही ‘सब का साथ – सब का विकास’ का आधार है.जब न्याय की चर्चा होती है, तो मानव अधिकार का भाव उसमें पूरी तरह से समाहित रहता है. शोषित, पीड़ित और वंचित जनों की स्वतन्त्रता, शांति और उन्हें न्याय सुनिश्चित कराने के लिए ये विशेष रूप से अनिवार्य है.
उन्होनें कहा डॉ. बाबा साहब अाम्बेडकर द्वारा दिए गए संविधान में ग़रीबों के मूल अधिकारों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किये गए हैं. अाम्बेडकर के विजन से प्रेरित होकर 12 अक्तूबर 1993 को ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग’ यानी #NHRC का गठन किया गया था. पीएम मोदी ने कहा- हमारे प्राण-प्रिय नेता हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमान अटल बिहारी वाजपेयी जी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि मानव अधिकार हमारे लिए कोई परायी अवधारणा नहीं है.
पीएम ने कहा- इस बार भारत इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता सम्मेलन आयोजित कर रहा है. ‘महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन’. उन्होनें कहा हर किसी के जीवन में स्वच्छता का अपना महत्व है और ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत आपके घर में शौचालय बना और उससे अब आपको सुविधा हो रही है. हम सब के लिए इससे ज्यादा ख़ुशी की बात और क्या हो सकती है.
पीएम मोदी ने कहा आज जब हम पूज्य बापू का स्मरण कर रहें हैं तो स्वाभाविक है कि स्वच्छता की बात के बिना रह नहीं सकते. 15 सितम्बर से ‘स्वच्छता ही सेवा’ एक अभियान प्रारंभ हुआ. करोड़ों लोग इस अभियान में जुड़े. मैं इसके लिए इन सभी देशवासियों को ह्रदय पूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूँ.उन्होनें कहा- पूज्य बापू के साथ ही हम शास्त्री जी की भी जयंती मनायेंगे. शास्त्री जी का नाम आते ही हम भारत वासियों के मन में एक असीम श्रद्धा का भाव उमड़ पड़ता है. उनका सौम्य व्यक्तित्व हर देशवासी को सदा ही गर्व से भर देता है.
गाँधी जी के इस जंतर को याद करते हुए आने वाले दिनों में हम जब भी कुछ खरीद करें, तब हम जरुर देखें कि हमारी हर खरीदी में किसी-न-किसी देशवासी का भला होना चाहिए. विशेष अवसरों पर खादी और हैंडलूम के उत्पाद खरीदने के बारे में सोचें. इससे अनेक बुनकरों को मदद मिलेगी. इस वर्ष 2 अक्टूबर का एक विशेष महत्व है. अब से 2 साल के लिए हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के निमित्त विश्वभर में अनेक विविध कार्यक्रम करने वाले हैं. महात्मा गाँधी के विचार ने पूरी दुनिया को प्रेरित किया है.
उन्होनें कहा पिछले दिनों नेवी के हमारे एक अधिकारी अभिलाष टॉमी अपने जीवन और मृत्यु की लड़ाई लड़ रहे थे. मैंने अभिलाष से टेलीफोन पर बात की. इतने संकट से बाहर आने के बाद भी उनका जो ज़ज्बा था, हौसला था और फिर एक बार ऐसा ही कुछ पराक्रम करने का जो संकल्प उन्होंने बताया, देश की युवा-पीढ़ी के लिए वो हमारे देश की युवा-पीढ़ी को ज़रूर प्रेरणा देगी.
प्रधानमंत्री ने कहा 8 अक्टूबर को हम वायुसेना दिवस मनाते हैं. 1932 में छह पायलट और 19 वायु सैनिकों के साथ एक छोटी सी शुरुआत से बढ़ते हुए हमारी वायुसेना आज 21वीं सदी की सबसे साहसिक और शक्तिशाली एयर फोर्स में शामिल हो चुकी है. यह अपने आप में एक यादगार यात्रा हैभारत सदा ही शांति के प्रति वचनबद्ध और समर्पित रहा है. 20वीं सदी में दो विश्वयुद्धों में हमारे एक लाख से अधिक सैनिकों ने शांति के प्रति अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. आज भी UN की अलग-अलग पीस कीपिंग फोर्सेज में भारत सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले देशों में से एक है.