लखनऊ, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश में सभी तरह के पॉलिथीन कैरीबैग पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. मुख्यमंत्री द्वारा पॉलीथिन और प्लास्टिक के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के तीसरे चरण में प्रदेश में सभी तरह की पॉलीथिन के प्रयोग, निर्माण, बिक्री, वितरण, भंडारण, परिवहन, आयात व निर्यात प्रतिबंधित कर दिया गया है.
बता दें पहले चरण में 15 जुलाई से सिर्फ 50 माइक्रोन तक की पॉलिथीन को प्रतिबंधित किया गया था. दूसरे चरण में 15 अगस्त से थर्माकोल से बने सभी तरह के बर्तनों को प्रतिबंधित किया गया था.नगर विकास विभाग ने सभी नगर निकायों को इस संबंध में आदेश भेजकर अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं. तीसरे चरण में 2 अक्टूबर से प्रदेश भर में सभी तरह की पॉलिथीन को प्रतिबंधित किया जाना था.
नगर विकास विभाग के सचिव अनुराग यादव ने बताया कि आज के बाद यदि कोई व्यक्ति प्रतिबंध का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में सभी डीएम और नगर निकायों को मंगलवार से छापेमारी का भी निर्देश दिया गया है. इसके लिए जिला प्रशासन, नगरिया निकाय, पुलिस व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त टीमें बनेंगी. छापा मारने वाली टीम मौके पर ही जुर्माना भी वसूलेगी.
पॉलिथीन के प्रयोग से पर्यावरण को रहे नुकसान से बचने के लिए 2000 में उत्तर प्रदेश प्लास्टिक और अन्य जीव अनाषित कूड़ा-कचरा अधिनियम लागू किया गया था. लेकिन इसके कमजोर प्रावधानों के चलते लागू नहीं किया जा सका था. अब सूबे की योगी सरकार ने अधिनियम में दंड के प्रावधानों को सख्त करके इसे लागू किया है. दोषी पाए जाने पर अधिकतम एक लाख तक जुर्माना व एक साल की जेल होगी. पहली बार उल्लंघन करने पर एक माह तक की सजा या न्यूनतम एक हजार और अधिकतम 10 हजार रुपए तक जुर्माना देना होगा. दूसरी बार के उल्लंघन पर छह माह की जेल या फिर न्यूनतम 5 हजार व अधिकतम 20 हजार तक का जुर्माना देना होगा.