भ्रष्टाचार में रेलवे अव्वल, दूसरे नंबर पर सरकारी बैंक, दिल्ली सरकार भी पीछे नहीं
August 4, 2016
नई दिल्ली, सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार की जड़ रेलवे में गहरी फैली हुई है। सरकारी बैंक के कर्मचारियों ने भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। वहीं, दिल्ली सरकार की बात करें तो यहां भी अवैध रूप से पैसों की उगाही खूब हुई है। भ्रष्टाचार का यह आंकड़ा केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) द्वारा पिछले साल प्राप्त की गई भ्रष्टाचार की शिकायतों में सामने आया है। सीवीसी द्वारा तैयार की गई भ्रष्टाचार की इस सूची में रेलवे सबसे ऊपर है। कथित भ्रष्टाचार की शिकायतों में 12,394 मामले रेलवे कर्मचारियों, 5,363 मामले बैंक अधिकारियों और 5,139 मामले दिल्ली सरकार के कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ प्राप्त हुए हैं। सीवीसी ने 2015 के लिए अपनी इस वार्षिक रिपोर्ट को हाल ही में संसद में पेश किया था। सीवीसी की रिपोर्ट में 4,986 भ्रष्टाचार की शिकायतें वित्त मंत्रालय के खिलाफ हैं। 3,079 शहरी विकास मंत्रालय के खिलाफ हैं। वहीं, दूरसंचार मंत्रालय के कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की 3,379 शिकायतें दर्ज की गई हैं। विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत सीवीसी के मुख्य सतर्कता अधिकारियों द्वारा तैयार की गई भ्रष्टाचार की इस सूची में कुल 56,104 शिकायतें हैं। कुल शिकायतों में से 38,192 का निपटारा किया जा चुका है और 17,912 लंबित हैं। ये भी हैं भ्रष्टाचार में लिप्त – 2741 शिकायतें पेट्रोलियम मंत्रालय के खिलाफ – 2.235 शिकायतें खाद्य और उपभोक्ता मामलों के विभाग के खिलाफ – 2084 शिकायतें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के खिलाफ – 1,601 शिकायतें इस्पात मंत्रालय के खिलाफ – 1,460 शिकायतें केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड के खिलाफ – 1,377 शिकायतें मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तहत काम कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ – 1,143 शिकायतें स्वास्थ्य मंत्रालय के खिलाफ में उन लोगों के खिलाफ – 1,018 सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में कार्य कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ