नई दिल्ली,इस बार त्योहारी सीजन पर केंद्र सरकार ने रेलवे के 11.91 लाख गैरराजपत्रित कर्मचारियों को 78 दिन के वेतन के बराबर उत्पादकता आधारित बोनस देने का फैसला किया है. यह लगातार सातवां साल है, जब रेलकर्मियों को इस स्तर का बोनस मिलेगा. सीनियर रेल मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने रेल कर्मचारियों के संगठनों से बातचीत के बाद 2017-18 के लिए अपने कर्मचारियों को उत्पादकता-लिंक बोनस के रूप में 78 दिनों के बोनस का प्रस्ताव किया है. साथ ही उम्मीद की जा रही है कि इस प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी.
पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को देखते हुए, साथ ही अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भी रेल कर्मियों को मिलने वाला बोनस काफी महत्व रखता है. माना जा रहा है कि मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने के बाद सरकार इस आशय की घोषणा कर सकती है. प्रत्येक साल दशहरा से पहले 12.26 लाख रेल कर्मचारियों को उत्पादकता आधारित बोनस का भुगतान कर दिया जाता है. इन रेलवे कर्मचारियों में रेलवे सुरक्षा बल और रेलवे सुरक्षा विशेष बल के कर्मचारी आदि शामिल नहीं होते हैं.
नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमेन के महासचिव एम रघुवाया ने कहा कि ‘रेलवे ने पिछले साल की तुलना में 16,000 करोड़ रुपए ज्यादा कमाए हैं. वहीं, करीब 1161 करोड़ टन की माल ढुलाई की है. इसलिए हमने 80 दिन के बोनस की मांग की थी. हालांकि, हम 78 दिन के बोनस पर सहमत हो गये हैं.’
माना जा रहा है कि बोनस के तौर पर हर कर्मचारी को करीब 18000 रुपए मिल सकते हैं. यह लगातार छठा साल होगा, जब रेलवे कर्मचारियों को 78 दिनों का बोनस मिलेगा. कर्मचारियों को 78 दिनों के बोनस दिये जाने से 2017-18 वित्तीय वर्ष में रेलवे पर 2,000 करोड़ रुपए का बोझ पड़ने की संभावना है. बता दें कि यह बोनस नॉन गजेटेड कर्मचारियों को ही मिलते हैं. इस बार बोनस की गणना के लिए वेतन सीमा 7,000 रुपये की गई है, जिससे रेलकर्मियों को करीब 17,951 रुपये बोनस राशि के मिलेंगे.