नई दिल्ली, अगर आपके पास वीजा, मास्टर कार्ड और अमेरिकन एक्सप्रेस का डेबिट या क्रेडिट एटीएम (ATM) कार्ड है तो यह 15 अक्टूबर के बाद काम करना बंद कर सकता है। इसका कारण रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) का वह नियम है जिसके तहत यूजर्स का डाटा विशेष रूप से भारत में ही स्टोर करने को अनिवार्य बनाया जा रहा है. लेकिन वीजा और मास्टरकार्ड समेत 16 पेमेंट कंपनियां इसे नहीं मान रहीं।उनका तर्क है कि लोकल डाटा स्टोरेज से उनका लागत खर्च काफी बढ़ जाएगा।
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कार्ड जारी करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए एक नियम जारी किया था, जिसके लिए उन्हें 6 महीने का वक्त दिया गया था। यह समय सीमा 15 अक्तूबर को समाप्त हो रही है। आरबीआई ने समयसीमा बढ़ाने के आग्रह को पूरी तरह से इंकार कर दिया है। देश में ज्यादातर बैंक अपने ग्राहकों को मास्टरकार्ड या फिर वीजा का डेबिट-क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं। आरबीआई ने इन विदेशी पेमेंट गेटवे कंपनियों को देश में अपना सर्वर लगाने के लिए 15 अक्तूबर तक की मोहलत दी थी।
हालांकि इन कंपनियों के प्रतिनिधियों ने 5 अक्तूबर को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करके अपना पक्ष रखा था और समय सीमा आगे बढ़ाने का आग्रह किया था। कंपनियों की दलील है कि डेटा स्टोर करने में करीब 2 साल का वक्त लगेगा। कंपनियों को केवल डेटा स्टोर के बजाय कॉपी रखने की भी छूट की मांग की है। वित्त मंत्रालय डेटा की कॉपी रखने की छूट के पक्ष में है। आर्थिक मामलों के सचिव ने आरबीआई को चिट्ठी लिखी थी, लेकिन आरबीआई की तरफ से कंपनियों को छूट नहीं मिली है।
आरबीआई का फैसला आने के बाद आगामी फेस्टिव सीजन के फीका रहने की आशंका है। नोटबंदी के बाद से देश में डेबिट व क्रेडिट कार्ड का चलन काफी बढ़ा है। ज्यादातर लोग अब कार्ड के जरिए ही खरीदारी करते हैं। भारत ने भी अपना रूपे डेबिट क्रेडिट कार्ड जारी करना शुरू कर दिया है। लेकिन ऐसे लोगों की संख्या काफी कम है, जिनके पास रूपे कार्ड है।
मास्टरकार्ड और वीजा के डेबिट व क्रेडिट कार्ड बंद होते हैं तो फिर लोगों के पास कैश के अलावा यूपीआई, नेटबैंकिंग और मोबाइल वॉलेट जैसे भुगतान करने के विकल्प ही बचेंगे। लेकिन इनसे भी वो ही लोग भुगतान कर सकेंगे, जिनके पास इंटरनेट कनेक्शन हो और वो ऐसे ऐप का प्रयोग करना अच्छे से जानते हो।
कार्ड के बंद होने से लोगों के पास कैश की किल्लत भी हो जाएगी। ज्यादातर लोग अभी भी अपने डेबिट कार्ड का इस्तेमाल एटीएम से पैसा निकालने के लिए करते हैं। अगर लोग एटीएम से पैसा नहीं निकाल पाएंगे, तो फिर वो फेस्टिव सीजन में शॉपिंग कैसे करेंगे। आरबीआई का यह फैसला 90 करोड़ लोगों पर भारी पड़ सकता है।
अगर आपके पास भी मास्टरकार्ड या फिर वीजा का डेबिट और क्रेडिट कार्ड है तो उसे आसानी से बदल सकते हैं। हालांकि इसके लिए आपको अपनी बैंक से संपर्क करना होगा। बैंक में जाकर के आप कार्ड बदलने का फॉर्म भरकर दें और रूपे कार्ड की मांग करें। क्रेडिट कार्ड धारक बैंक के कस्टमर केयर पर फोन करके इस सुविधा के बारे में पूछ सकते हैं। एक हफ्ते के भीतर आपका नया रूपे का डेबिट या फिर क्रेडिट कार्ड घर पर पहुंच जाएगा।