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जालसाजों ने फर्जीवाड़ा कर बेची पुलिस ट्रेनिंग सेंटर की जमीन

लखनऊ, फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजों ने पुलिस ट्रेनिंग सेंटर की जमीन अरबों रुपये की  बेची दी। जालसाजों ने यह फर्जीवाड़ा आधुनिक सहकारी गृह निर्माण समिति ने नाम पर किया।

फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरोजनीनगर के पिपरसण्ड स्थित पुलिस ट्रेनिंग एकेडमी की अरबों रुपये की 280 बीघा जमीन जालसाजों ने बेच डाली। जालसाजों ने उक्त फर्जीवाड़ा आधुनिक सहकारी गृह निर्माण समिति ने नाम पर किया था।फर्जीवाड़े की पड़ताल कर रही वजीरगंज पुलिस ने बताया कि मुतवल्ली खुर्शीद आगा जो अबू तराब खां कटरा आगा मंजिल का रहने वाला है ने सरोजनीनगर के बिजनौर ग्राम पिपरसण्ड स्थित जमीन को वक्फ की बताते हुए आधुनिक सहकारी गृह निर्माण समिति के फर्जी सचिव कपिल प्रताप राना को सौंप दी थी। कपिल ने 17 मार्च 1997 में जमीन की फर्जी एसाइनमेंट डीड बनायी थी। इसमें चौक निवासी जहीर आगा व गोलागंज निवासी इकबाल आगा की गवाही दर्ज की गयी थी।

9 दिसम्बर 2015 में उसने उपनिबंधक कार्यालय में नई दिल्ली के द्वारिका सेक्टर-5 अग्रवाल मार्ग स्थित मेसर्स अंतरिक्ष लैंडमार्क प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी के निदेशक अभिषेक गोयल व अशोक पाठक के पक्ष में जमीन का एक बड़ा हिस्सा बेचने के लिए दस्तावेज तैयार किये।फर्जीवाड़े की पड़ताल कर रही वजीरगंज पुलिस ने बताया कि दस्तावेजों में नाका निवासी सुखमन गिल व कैंट निवासी रिटायर लेफ्टीनेंट जेसी हांडा की बेटी अर्चना हांडा को गवाह बनाया गया था।

 इसके बाद जालसाजों ने पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के नाम से दर्ज 280 बीघा जमीन को बिल्डर को बेच दी थी। फर्जीवाड़ा सामने आने पर 14 सितम्बर को डालीगंज निवासी वीरेन्द्र कुमार द्विवेदी ने वजीरगंज कोतवाली में कपिल प्रताप राना, खुर्शीद आगा, जहीर आगा, इकबाल आगा, अभिषेक गोयल, अशोक पाठक, सुखमन गिल व अर्चना हांडा के खिलाफ जालसाजी व धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करायी थी।

आरोप था कि कपिल प्रताप राना कभी भी आधुनिक सहकारी गृह निर्माण समिति का सचिव या अन्य पदाधिकारी नहीं रहा। समिति में 1 अप्रैल 1992 से 2 अप्रैल 1999 तक रितेश कुमार व 2 अप्रैल 1999 से 14 जनवरी 2001 तक आशुतोष सचिव पद पर थे। 14 अप्रैल से अभी तक वीरेन्द्र कुमार द्विवेदी सचिव हैं।इंस्पेक्टर पंकज कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 1948 में पिपरसण्ड स्थित जमीन पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के नाम से दर्ज की गयी थी। इस बात की पुष्टि खतौनी की पड़ताल में हुई। जांच अधिकारी नागेन्द्र तिवारी का कहना है कि फर्जीवाड़े के मुख्य आरोपित कपिल प्रताप राना व अशोक पाठक हैं। मुख्य आरोपित समेत शेष सात आरोपितों की तलाश में छापेमारी की जा रही है

इंस्पेक्टर पंकज कुमार सिंह ने बताया कि फर्जीवाड़े के मास्टरमाइंड समिति के फर्जी सचिव कपिल प्रताप राना व बिल्डर समेत सात की तलाश की जा रही है। उनका कहना है कि उक्त मामले में उपनिबंधक कार्यालय ने भी केस में पहले रिपोर्ट दर्ज करायी थी, जिसमें खुर्शीद आगा को जेल भेजा गया था।