बगदाद, कांगो के डॉक्टर डेनिस मुकवेगे और यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस दौरान दर्शक दीर्घा के लोगों ने खड़े होकर इनके लिए तालियां बजाईकांगो के डॉक्टर डेनिस मुकवेगे और इराक की यजीदी कार्यकर्ता नादिया मुराद ने नोबेल पुरस्कार स्वीकार करते हुए अपने भाषण में संघर्ष क्षेत्र में फंसी महिलाओं और बच्चों के मामले में उदासीन बने रहने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आलोचना की।
उन्होंने कहा, ‘‘ अपने जीवन के अहम दौर से गुजर रही किशोरियों को बेचा गया, खरीदा गया, बंधक बनाकर रखा गया और रोजाना उनके साथ बलात्कार किया गया। यह कल्पना से बाहर की चीज है कि इन सब के बावजूद 195 देशों के नेताओं का जमीर नहीं जगा कि वह इन्हें मुक्त कराने के लिए कार्य करें।”मुराद ने कहा, ‘‘ अगर यह लड़कियां कोई कारोबारी समझौता होतीं, तेल वाली जमीन होतीं या हथियारों से भरा हुआ जहाज होती तो निश्चित रूप से इन्हें मुक्त कराने का हर प्रयास कर लिया गया होता।”
नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित मुकवेगे और मुराद ने कहा कि कभी-कभी पीड़ितो को कारोबारी हितों से कम कर के आंका जाता है। इन दोनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस दिशा में अधिक काम करने की मांग की है। मुकवेगे ने ओस्लो में समारोह में कहा, ‘‘अगर एक युद्ध ही शुरू करना है तो फिर यह उदासीनता के खिलाफ होना चाहिए क्योंकि यह हमारे समाज को खाए जा रही है।’ कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में युद्ध का दंश झेलने वाले पूर्वी हिस्से में मुकवेगे ने 1999 में पांजी में अस्पताल स्थापित किया था, जहां उन्होंने हजारों महिलाओं और लड़कियों तथा छोटी बच्चियों का इलाज किया है। उन्होंने कहा हिंसा ‘हमारी मानवता को शर्मसार करती’ है।
यजीदी कार्यकर्ता मुराद ने वैश्विक समुदाय से जिहादियों के कब्जे में फंसी महिलाओं और लड़कियों को मुक्त कराने में मदद करने की अपील की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उनके समुदाय और अन्य असुरक्षित समुदायों की मदद करने की मांग की। मुराद अपने भाषण के दौरान अपनी भावनाओं पर काबू पाने की कोशिश करते हुए बोलीं, ‘‘ मेरे विचार से सभी पीड़ितों को तब तक एक सुरक्षित ठिकाना मुहैया कराना चाहिए जब तक उनके साथ न्याय नहीं हो जाता। मुकवेगे ने अपने देश में दिल दहलाने वाली हिंसा की घटनाओं के लिए सत्ता में मौजूद लोगों पर आरोप लगाया। डॉक्टर ने कहा, ‘‘ पिछले 20 साल से दिन ब दिन पांजी अस्पताल में मैं देश के कुप्रबंधन के खौफनाक परिणामों को देखता हूं।”
उन्होंने कहा कि छोटी बच्चियों, महिलाओं और बजुर्गों सहित पुरुषों और किशोरों के साथ क्रूरतापूर्ण तरीके से प्राय: सार्वजनिक और सामूहिक रूप से बलात्कार हो रहे हैं। मुकवेगे ने कहा, ‘‘हम अच्छे कार, आभूषण और गैजेट्स पसंद करते हैं। मेरे पास भी स्मार्टफोन है। इन चीजों में ऐसे खनिज हैं जो हमारे देश में पाए जाते हैं। प्राय: खदानों में बच्चों और यौन उत्पीड़न के पीड़ितों से अमानवीय तरीके से ये काम कराए जाते हैं।” वहीं मुराद ने पुरस्कार को स्वीकारते हुए अपने भाषण में कहा कि 21वीं शताब्दी के वैश्वीकरण और मानवाधिकार के दौर में उनके समुदाय की 6,500 महिलाएं और बच्चियों का अपहरण, बलात्कार किया गया और उन्हें बेचा भी गया। मुराद 2014 से पहले उत्तरी इराक के सिंजर के अपने गांव में शांतिपूर्वक रह रही थीं। लेकिन इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों के उनके गांव में घुसने के बाद नृशंसता और बर्बरता की एक ऐसी कहानी शुरू हुई, जिससे किसी की भी रूह कांप जाए। मुराद ने कहा कि अब भी 3,000 महिलाओं और बच्चियों के भविष्य का पता नहीं है।