ब्रिटिश सांसदों ने जनगणना में सिखों को अलग समूह मानने के लिये चलाया अभियान
December 19, 2018
लंदन, ब्रिटेन में सांसदों के एक समूह ने देश में 2021 में होने वाली अगली जनगणना में सिख धर्म को एक अलग जातीय समूह के तौर पर दिखाने के लिये अभियान शुरू किया है। यह साल भर चलेगा। इससे पहले देश के सांख्यिकी प्राधिकार ने कहा था कि इसकी जरूरत नहीं है।
ऑल पार्टी पार्लियामेंट्री ग्रुप (एपीपीजी) फॉर ब्रिटिश सिख्स ने ऑफिस ऑफ नेशनल स्टेटिस्टिक्स (ओएनएस) पर ‘‘जबर्दस्त’’ सिख समुदाय की अलग श्रेणी बनाने की मांग की अनदेखी करने का आरोप लगाया। संस्था चाहती है कि अलग श्रेणी बनाई जाए जिससे ब्रिटिश सिखों के साथ उचित व्यवहार हो और नस्ली भेदभाव को दूर किया जा सके।
एपीपीजी फॉर ब्रिटिश सिख्स की अध्यक्ष लेबर सांसद प्रीत कौर गिल ने कहा, ‘‘ओएनएस ने श्वेत पत्र में अपने नवीनतम प्रस्तावों में खुद को कानूनी कार्रवाई के लिये पेश कर दिया है और सिखों के खिलाफ संस्थागत भेदभाव का दावा किया। उन्होंने कहा, ‘‘गुरुद्वारों, सिख संगठनों और समुदाय के सहयोग से सांसद वर्ष भर के लिए एक अभियान शुरू कर रहे हैं जिससे यह अधिकार मिले और जब जनगणना आदेश 2019 हाउस ऑफ कॉमन्स में पेश किया जाए तो उसमें सिख जाति समूह के लिये टिक बॉक्स जोड़ा जाए।’’