डॉक्टरों ने सरकार के इस बयान का किया विरोध…

नयी दिल्ली, डॉक्टरों ने सरकार के उस बयान का विरोध किया है कि वे सप्ताह में अधिकतम 40 घंटे काम करते हैं। डॉक्टरों का दावा है कि अक्सर उन्हें एक हफ्ते में 100 घंटे तक काम करना पड़ता है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने हाल ही में लोकसभा में कहा था कि दिल्ली में केंद्र सरकार द्वारा संचालित राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज और अन्य संबद्ध अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों और अन्य चिकित्सीय कर्मचारियों का कार्य-समय आमतौर पर एक हफ्ते में 40 घंटे से अधिक नहीं होता है।

एक सवाल का जवाब देते हुये मंत्री ने हालांकि कहा कि डॉक्टरों और चिकित्सीय पेशेवरों की ड्यूटी का समय और काम के घंटे उनके काम की अनिवार्यता के आधार पर तय होत हैं और इसके अलावा उनकी आपातकालीन ड्यूटी पर भी यह निर्भर करते हैं। चौबे के बयान से डॉक्टरों, विशेष रूप से रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच नाराजगी पैदा हुई है, जिनका कहना है कि संसद को दी गई सूचना के विपरीत वे दोगुने से भी ज्यादा घंटे तक काम करते हैं।

एम्स के एक वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर ने इस मामले में कहा कि मरीजों की भारी भीड़ और डॉक्टरों की कमी के कारण केंद्र सरकार द्वारा संचालित इन अस्पतालों में डॉक्टर अक्सर एक सप्ताह में 100-120 घंटे तक काम करते हैं। अस्पताल के एक अन्य वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा कि नींद की कमी और काम का अत्यधिक बोझ डॉक्टरों में तनाव का कारण बनता है, जिससे उन्हें अवसाद का खतरा होता है। सफदरजंग अस्पताल के एक रेजिडेंट डॉक्टर के अनुसार, इस तरह के काम के माहौल से चिकित्सकीय लापरवाही की भी आशंका रहती है।

Related Articles

Back to top button