लगभग 48 फीसद महिलाओं की मौत के ज्यादातर कारणों में से एक हैं- हार्ट अटैक। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए यह एक साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है। महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों के मुकाबले अलग होते हैं।
आज की बदलती जीवनशैली में कम उम्र में भी महिलाएं हार्ट अटैक का शिकार बन रही हैं। फास्ट फूड का सेवन, तनाव, अनियमित खानपान और घर-बाहर की भागदौड़ में उनका स्वास्थ्य इग्नोर हो रहा हैं। ऐसें में छोटी-मोटी बीमारियों के अलावा बड़ी बीमारियां भी उन्हें चपेट में ले रही हैं। हार्ट अटैक के लक्षणों और अगर समय रहते न पहचाना गया, तो ये मृत्यु का कारण बनते हैं।
पुरुषों में जहां हार्ट अटैक के लक्षणों में सीने में दर्द और सांस लेने में परेशानी शामिल है, वहीं महिलाओं में दर्द के बिना सांस लेने में दिक्कत होती है, इस वजह से कई महिलाएं इसे मामूली परेशानी समझ लेती हैं और नतीजा हार्ट अटैक। सांस संबंधी परेशानी में तुरंत डॉक्टर के पास जरूर जाएं ताकि समय रहते इलाज किया जा सकें।
सर्वे के मुताबिक लगभग 40 फीसद महिलाओं में ऐसी परेशानी देखने को मिली है। इसके अलावा अगर आपके शरीर के ऊपरी हिस्से में दर्द हैं तो यह खतरनाक हो सकता है, जैसे गर्दन, पीठ, कंधा बगैरह। इनमें अगर दर्द ज्यादा हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह हार्ट अटैक के लक्षणों में से एक हो सकते हैं। इन जगहों से दिल की कई धमनियां जुड़ी रहती हैं। इसीलिए इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
दिल तक खून पहुंचाने वाली दाई धमनी में अगर कोई रूकावट आ जाए तो यह हार्ट अटैक का कारण बनते हैं। इस परिस्थिति में उल्टी, मितली और पेट की गड़बड़ी जैसे लक्षण महिलाओं में दिखते हैं। इसलिए ऐसे लक्षणों को हल्के में न लें, ये हार्ट अटैक के लक्षण भी हो सकते हैं।
बेवजह की थकान और अचानक से तेज नींद आना हार्ट अटैक का कारण बनता हैं। कई महिलाओं में यह परेशानी देखने को मिलती हैं कि अचानक उन्हें बेवजह थकान महसूस होने लगती है और फिर हार्ट अटैक के कारण उन्हें अस्पताल में एडमिट होना पड़ा। कई महिलाएं तो ऐसी हालात को दिन-भर की थकान समझ बैठती है और नतीजा अच्छा नहीं होता। मेनोपॉज के बाद अचानक घबराहट या पसीना आए तो किसी भी महिला के लिए शायद नार्मल बात होगी। मगर मेनोपॉज के पहले ही अगर यह लक्षण नजर आने लगे, तो बुद्धिमानी इसी में हैं कि समय रहते संभल जाइए। वरना ये लक्षण आपको अस्पताल पहुंचा सकते हैं।