नई दिल्ली, आलोक वर्मा को एक बार फिर केंद्रीय जांच एजेंसी के निदेशक पद से हटा दिया गया है.एसा तब संभव हो पाया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जस्टिस एके सीकरी का साथ मिला।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने आलोक वर्मा को केंद्रीय जांच एजेंसी के निदेशक पद से हटाकर फायर सर्विसेज एंड होम गार्ड का डायरेक्टर जनरल बना दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया.यह बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर हुई, जो करीब दो घंटे से ज्यादा समय तक चली.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जस्टिस एके सीकरी और लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल रहे. इस बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जस्टिस सीकरी से असहमत नजर आए और कुछ आपत्तियां दर्ज कराई. इन सबके बावजूद पैनल ने 2-1 से फैसला लिया और आलोक वर्मा को निदेशक पद से हटाकर फायर सर्विसेज एंड होम गार्ड का डायरेक्टर जनरल बना दिया.
इससे पहले, आलोक वर्मा को मोदी सरकार ने करीब दो महीने पहले जबरन छुट्टी पर भेज दिया था. अलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, जिसके बाद उन्हें जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया था.
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद पर बहाल कर दिया था.शीर्ष अदालत ने सरकार से अपने फैसले के एक हफ्ते के अंदर ही बैठक बुलाने को कहा था. बुधवार को आलोक वर्मा दोबारा सीबीआई निदेशक का पदभार संभालते ही एम नागेश्वर राव द्वारा किए गए ज्यादातर तबादले रद्द कर दिए थे. नागेश्वर राव को आलोक वर्मा की अनुपस्थिति में अंतरिम सीबीआई प्रमुख नियुक्त किया गया था.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बहाल किए जाने के बाद आज पीएम की अध्यक्षता में हुई बैठक में उनको सीबीआई निदेशक के पद से हटाकर डीजी फायर सर्विसेज मे भेजने का फैसला लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि इस मुद्दे पर समिति की यह दूसरी बैठक है. इससे पहले बुधवार को हुई बैठक बेनतीजा रही थी.