मकर संक्रांति साल 2019 में 14 जनवरी नहीं बल्कि 15 जनवरी को मनाई जा रही है. देशभर में इसी दिन से खरमास समाप्त हो जाएंगे और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाएगी. मकर संक्रांति को दक्षिण भारत में पोंगल के नाम से जाना जाता है.
हरियाण और पंजाब में मकर संक्रांति को माघी के नाम से पुकारा जाता है. इसी वजह से इसे साल की सबसे बड़ी संक्रांति कहा गया है. क्योंकि यह पूरे भारत में मनाई जाती है. मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाई जाती है. मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी बनाने, खाने और दान करने खास होता है. यही वजह है कि कई जगह पर खिचड़ी भी कहा जाता है.
मान्यता है कि चंद्रमा का प्रतीक चावल को माना जाता है, काली उड़द की दाल को शनि का और हरी सब्जियां बुध का प्रतीक होती है. कुंडली में ग्रहों की स्थिती मजबूत करने के लिए कहा जाता है कि मकर संक्रांति पर खिचड़ी खानी चाहिए. इसलिए इस मौके पर चावल, काली दाल, नमक, हल्दी, मटर और सब्जियां डालकर खिचड़ी बनाई जाती है.
मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है या फिर घर पर भी सुबह नहाकर पूजा की जाती है. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की जाती है. इसी के साथ मकर संक्रांति के दिन पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण दिया जाता है.