यूपी मे सरकारी अस्पतालों की दयनीय स्थिति देख, हाईकोर्ट ने सरकार को लगायी फटकार

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं की दयनीय स्थिति को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव (चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) को राज्य में चिकित्सा सुविधाएं सुधारने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया है ।

साथ ही अदालत ने मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को सुनवाई की अगली तारीख तक इस संबंध में एक हलफनामा भी दाखिल करने को कहा है। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 25 फरवरी तय की है। अदालत ने प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डाक्टर एस.पी. सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि मेडिकल कालेज के ट्रामा सेंटर के चालू रहने के संबंध में अदालत में गलत हलफनामा दाखिल करने के लिए क्यों न उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए और क्यों न उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जाए।

अदालत ने पाया कि मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य ने हलफनामे में कहा था कि मेडिकल कालेज में ट्रामा सेंटर काम कर रहा है, जबकि उस समय ट्रामा सेंटर काम नहीं कर रहा था। न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने स्नेह लता सिंह और कई अन्य द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर उपरोक्त आदेश पारित किया। जनहित याचिका में प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दयनीय स्थिति की ओर अदालत का ध्यान खींचा गया है। उपरोक्त आदेश पारित करते हुए अदालत ने कहा कि चिकित्सा विभाग का बजट काफी बड़ा होता है, लेकिन चिकित्सा सेवाओं तक गरीब लोगों की पहुंच अपेक्षाकृत बहुत कमजोर है।

Related Articles

Back to top button