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मनोहर पर्रिकर- गोवा के मिस्टर क्लीन, उत्तर प्रदेश से इस तरह जुड़े थे

पणजी ,  सार्वजनिक जीवन में समर्पण,  कार्यशीलता और सिद्धांतवादिता की विशिष्ट छवि को लेकर श्री मनोहर पर्रिकर गोवा में मिस्टर क्लीन के रूप में जाने जाते रहे हैं। तेरह दिसम्बर 1955 को जन्मे श्री पर्रिकर ने 1978 मे आईआईटी मुम्बई से स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण की। देश के किसी राज्य के मुख्यमंत्री रहे वह ऐसी पहली शख्सियत थे , जिन्होंने आईआईटी से स्नातक किया। वर्ष 2001 में आईआईटी मुम्बई की ओर से उन्हें विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गयी थी।

भारतीय जनता पार्टी को गोवा में सत्ता में लाने का श्रेय श्री पर्रिकर को ही है। इसके अलावा गोवा में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का आयोजन और कम से कम समय में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मूलभूत संरचना खड़ी करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। दयानन्द सामाजिक सुरक्षा योजना एसाइबर एज योजना, मुख्यमंत्री रोजगार योजना जैसी विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में उनका विशेष योगदान रहा। योजना आयोग और इंडिया टुडे की ओर से पूर्व में कराये गये सर्वेक्षण के मुताबिक उनके कार्यकाल में गोवा का लगातार तीन साल तक भारत का सर्वश्रेष्ठ शासित प्रदेश का दर्जा रहा। वह वर्ष 2000 से 2005 और 2012 से 2014 की अवधि में गोवा के मुख्यमंत्री रहे।

गोवा के मुख्यमंत्री, मनोहर पर्रिकर उत्तर प्रदेश से भी जुड़े रहे। वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य रहे हैं।  उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के पूर्व सदस्य रहे श्री पर्रिकर ने ही 2013 में गोवा में भाजपा के संसदीय चुनाव सम्मेलन से पहले प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में श्री नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव रखा था। वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ;राजगद्ध की सरकार बनी। श्री पर्रिकर श्री मोदी की अगुवाई वाली राजग सरकार में 2014 से 2017 तक रक्षा मंत्री बनाये गये। गोवा की राजनीति के बदलते घटनाक्रमों के बीच 13 मार्च 2017 को उन्होंने पुनरू गोवा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। पर्रिकर लंबे समय से बीमार थे और अग्नाशय कैंसर की अंतिम अवस्था से जूझ रहे थे। पिछले एक वर्ष से गोवाए मुंबई ए अमेरिका तथा नयी दिल्ली के अस्पतालों में उनका उपचार चल रहा था।