मायावती ने क्यों किया, लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान ?
March 20, 2019
लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा ‘‘मैं जब चाहूं, लोकसभा का चुनाव जीत सकती हूं। हमारा गठबंधन बेहतर स्थिति में है। मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगी। आगे जरूरत पड़ने पर किसी भी सीट से मैं चुनाव लड़ सकती हूं।’’
मायावती ने कहा ‘बाद में जरूरत पड़ने पर, मैं जिस सीट से चाहूंगी उस सीट को खाली कराकर लोकसभा की सांसद बन सकती हूं । अभी की जरूरत को देखते हुए तथा अपनी पार्टी के व्यापक हित, जनहित और देश के हित में मेरा अभी लोकसभा का चुनाव न लड़ना ज्यादा बेहतर है।’’
उन्होंने कहा ‘मैंने उत्तर प्रदेश से चार बार लोकसभा का चुनाव जीता है तथा दो बार विधानसभा की सदस्य भी रही हूं । चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री भी रही हूं । ऐसी स्थिति में मुझे प्रदेश की किसी भी सीट पर केवल अपना नामांकन भरने के लिये ही जाना होगा। जीत की जिम्मेदारी हमारे लोग खुद ही उठा लेंगे, यह निश्चित है।’’
मायावती ने आगे कहा ‘‘लेकिन अपनी बहन जी को भारी मतों से जिताने के लिये, मेरे मना करने के बावजूद जब पार्टी के लोग मेरे लोकसभा क्षेत्र में काम करने चले जायेंगे तो इससे मुझे हमारे दूसरे क्षेत्र का चुनाव प्रभावित होने की आशंका है। मैं ऐसा कतई नहीं चाहती ।’’
उन्होंने कहा ‘देश के लोग भाजपा की वर्तमान अहंकारी, निरंकुश, जातिवादी और सांप्रदायिक सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं। इसी संकल्प के साथ ही यहां उप्र में बसपा, सपा और रालोद का गठबंधन किया गया है। गठबंधन अपनी तीनों पार्टियों की हर सीट जीतने के लिये पूरे जी जान से लगा हुआ है । इसे मैं किसी भी कीमत पर थोड़ा सा भी नुकसान होते हुये नहीं देखना चाहती हूं । इसलिये मेरे खुद के जीतने से ज्यादा महत्वपूर्ण इस चुनाव में प्रदेश की एक एक लोकसभा सीट को जीतना है ताकि हमारी पार्टी के सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के मिशन को भी पूरा बल मिले।’
लखनऊ, बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा ‘‘मैं जब चाहूं, लोकसभा का चुनाव जीत सकती हूं। हमारा गठबंधन बेहतर स्थिति में है। मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगी। आगे जरूरत पड़ने पर किसी भी सीट से मैं चुनाव लड़ सकती हूं।’’
मायावती ने कहा ‘बाद में जरूरत पड़ने पर, मैं जिस सीट से चाहूंगी उस सीट को खाली कराकर लोकसभा की सांसद बन सकती हूं । अभी की जरूरत को देखते हुए तथा अपनी पार्टी के व्यापक हित, जनहित और देश के हित में मेरा अभी लोकसभा का चुनाव न लड़ना ज्यादा बेहतर है।’’
उन्होंने कहा ‘मैंने उत्तर प्रदेश से चार बार लोकसभा का चुनाव जीता है तथा दो बार विधानसभा की सदस्य भी रही हूं । चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री भी रही हूं । ऐसी स्थिति में मुझे प्रदेश की किसी भी सीट पर केवल अपना नामांकन भरने के लिये ही जाना होगा। जीत की जिम्मेदारी हमारे लोग खुद ही उठा लेंगे, यह निश्चित है।’’
मायावती ने आगे कहा ‘‘लेकिन अपनी बहन जी को भारी मतों से जिताने के लिये, मेरे मना करने के बावजूद जब पार्टी के लोग मेरे लोकसभा क्षेत्र में काम करने चले जायेंगे तो इससे मुझे हमारे दूसरे क्षेत्र का चुनाव प्रभावित होने की आशंका है। मैं ऐसा कतई नहीं चाहती ।’’
उन्होंने कहा ‘देश के लोग भाजपा की वर्तमान अहंकारी, निरंकुश, जातिवादी और सांप्रदायिक सरकार को उखाड़ फेंकना चाहते हैं। इसी संकल्प के साथ ही यहां उप्र में बसपा, सपा और रालोद का गठबंधन किया गया है। गठबंधन अपनी तीनों पार्टियों की हर सीट जीतने के लिये पूरे जी जान से लगा हुआ है । इसे मैं किसी भी कीमत पर थोड़ा सा भी नुकसान होते हुये नहीं देखना चाहती हूं । इसलिये मेरे खुद के जीतने से ज्यादा महत्वपूर्ण इस चुनाव में प्रदेश की एक एक लोकसभा सीट को जीतना है ताकि हमारी पार्टी के सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के मिशन को भी पूरा बल मिले।’