श्रीनगर, उत्तरी कश्मीर के हाजिन इलाके में 12 वर्षीय एक लड़के को बंधक बना लेने के मामले में ग्राम प्रधान का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह पाकिस्तानी आतंकवादियों से बच्चे की रिहाई की अपील करते हुए इस कृत्य को ‘‘जिहाद’’ नहीं बल्कि ‘‘जहालत’’ बताते नजर आ रहे हैं। लड़के की बाद में हत्या कर दी गई। यह वीडियो उसकी हत्या किये जाने से पहले का है।
हाजिन के मीर मोहल्ला के एक बुजुर्ग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वह लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों से आतिफ मीर (12 वर्षीय बच्चा) को रिहा करने की अपील कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना श्रीनगर से 33 किलोमीटर उत्तर में हुई, जहां आतंकवादियों ने बंदूक का डर दिखाकर बच्चे के घर में पनाह ली थी। उन्होंने बताया कि आतंकवादी उसकी बहन का यौन उत्पीड़न करना चाहते थे लेकिन परिवार वाले उसे भगाने में कामयाब रहे। इससे वे गुस्सा गए और उन्होंने आतिफ और उनके एक बुजुर्ग रिश्तेदार हमीद मीर सहित परिवार के सदस्यों को पीटना शुरू कर दिया। परिवार के चिल्लाने की आवाज सुन स्थानीय लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी।
स्थिति का आकलन करने के बाद पुलिस ने परिवार को बचाने का काम शुरू किया। आतंकवादियों के उनपर हमला करने तक उन्होंने उनके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों को बचा लिया था। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ हमें पता था कि बच्चा और उसका एक रिश्तेदार अंदर ही है, इसलिए हमने गांव वालों से उनकी रिहाई की अपील करने को कहा था। ’’ कश्मीरी में बात करते हुए ग्राम प्रधान ने सबसे पहले आतंकवादियों से बच्चे की रिहाई की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘ तुम्हें जो करना है करो…लेकिन यह जिहाद नहीं जहालत है। कृपया लड़के को छोड़ दें।’’ पुलिस ने हमीद की पत्नी अकीका बेगम से भी अपील कराई थी।
इस बीच, पुलिस कमरे में दाखिल हुई और हमीद को निकालने में कामयाब रही। हमीद ने बताया कि आतंकवादियों ने उसे लोहे की छड़ और एके राइफल से मारा। उन्होंने पुलिस से कहा, ‘‘ मैंने अपने भतीजे को बाहर लाने की पूरी कोशिश की। मैंने उनसे विनती की लेकिन उनपर कोई असर नहीं हुआ।’’पुलिस ने बताया कि आतंकवादियों पर दबाव बढ़ने से उन्होंने आतिफ की हत्या कर दी। इसके बाद पुलिस ने अभियान तेज कर दोनों पाकिस्तानियों को मार गिराया। पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादी हाजिन मुठभेड़ में मारे गए।’’ उन्होंने बताया कि दोनों आतंकवादियों की पहचान अली और हुबैब के रूप में की गई है। वे पाकिस्तानी नागरिक थे।