लखनऊ/नोएडा, चुनाव ड्यूटी पर तैनात कुछ पुलिस कर्मियों को आज बांटे गए खाने के पैकेटों पर ‘नमो’ का ‘लोगो’ पाए जाने के बाद मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया। हालांकि, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह भोजन किसी राजनीतिक दल ने नहीं दिया था बल्कि इसे नमो फूड कार्नर नाम की दुकान से खरीदा गया था।
अधिकारियों ने बताया कि एक कार में रख कर लाए गए भोजन के ये पैकेट नोएडा के सेक्टर 15 ए के बूथ पर सुबह करीब साढ़े नौ बजे पुलिस कर्मियों को बांटे गए। इस बारे में, उत्तर प्रदेश के मुख्य चुनाव अधिकारी वेंकटेश्वर लू ने लखनऊ में कहा कि जिस कंपनी से यह भोजन मंगाया गया, उसका नाम ‘नमो’ है और इसका प्रधानमंत्री से कोई संबंध नही है। उन्होंने कहा, ”इस बारे में मैंने जिलाधिकारी से बात की। जिस कंपनी से यह खाना आया है उसका नाम नमो है। इसका प्रधानमंत्री से कोई संबंध नही है ।”
वहीं, गौतमबुद्ध नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण ने कहा कि यह गलत सूचना फैलाई जा रही है कि कुछ पुलिस कर्मियों को एक राजनीतिक दल की ओर से भोजन वितरित किया गया। किसी भी मतदान कर्मी को किसी पार्टी द्वारा भोजन उपलब्ध नहीं कराया गया है।’’ इस बीच, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे भाजपा का हताशा में उठाया गया कदम बताते हुए एक रीट्वीट कर कहा, ” महापरिवर्तन के लिये भारी संख्या में मतदाता वोट डालने के लिये बाहर आ रहे है। उन्होंने :नमो फूड पैकेट के बारे में: कहा कि भाजपा जानती है कि ब्रांडिग और मार्केटिंग कैसे की जाती है।”
सपा के गठबंधन साझेदार बसपा ने भी भोजन के ये पैकेट बांटे जाने पर कड़ा एतराज जताया है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने कहा कि पार्टी इस मुददे को चुनाव आयोग के समक्ष उठायेगी। उन्होंने कहा कि पार्टी ने इस मुददे को प्रदेश के चुनाव अधिकारी के समक्ष उठाया है। उन्होंने इस संबंध में कुछ तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर डाली। हालांकि, भाजपा प्रत्याशी और केंद्रीय मंत्री डॉ महेश शर्मा ने कहा कि मतदान कर्मियों को दिए गए भोजन से भारतीय जनता पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है। विपक्ष द्वारा उन्हें बदनाम करने के लिए यह अफवाह फैलाई जा रही है।