सनातन धर्म के पुराणों के अनुसार, राम नवमी के ही दिन त्रेता युग में महाराज दशरथ के घर विष्णु जी के अवतार भगवान श्री राम ने अवतार लिया था. लंकापति रावण के अत्याचारों को कम करने और रावण का वध करने के लिए भगवान विष्णु ने धरती पर भगवान राम के रूप में मानव अवतार लिया था.
इस बार रामनवमी के दिन यानी कि 14 अप्रैल को नवमी वैष्णव मतानुसार महानवमी रवीपुष्य नक्षत्र और सर्वार्थसिद्धि योग सुबह 9 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक़, श्रीराम के अवतरित होने की प्रचलित मान्यता चैत्र मास, शुक्ल पक्ष, नवमी तिथि, मध्याह्न काल और पुनर्वसु नक्षत्र लग रहा है.