लखनऊ, बसपा प्रमुख मायावती ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमला करते हुए कहा कि भाजपा नेताओं की पत्नियों को यह चिंता सताती रहती है कि मोदी उन्हें उनके पति से अलग नहीं करवा दें।
मायावती ने जारी एक बयान में कहा, ‘वैसे भी वह (मोदी) दूसरों की बहन-बेटियों की इज्जत करना क्या जानें, जब वह अपने राजनीतिक स्वार्थ के चलते अपनी बेकसूर पत्नी तक को छोड़ चुके हैं। मुझे तो यह भी मालूम हुआ है कि भाजपा में खासकर विवाहित औरतें अपने पतियों को मोदी के नजदीक जाते देख यह सोचकर घबराती हैं कि कहीं मोदी अपनी पत्नी की तरह हमें भी अपने पतियों से अलग ना करवा दें।’’
बसपा प्रमुख ने कहा ‘‘महिलाओं से मेरा खास अनुरोध है कि वे इस किस्म के व्यक्ति को अपना वोट कतई न दें और यही आपका मोदी की छोड़ी गई पत्नी के प्रति सही सम्मान भी होगा।’
मायावती का यह बयान अलवर में दलित महिला के यौन उत्पीड़न मामले में मोदी के विपक्ष को घेरने के बाद आया है।
मायावती ने कहा, ‘‘राजस्थान के अलवर में हुई दलित महिला के उत्पीड़न की घटना को लेकर वैसे तो नरेन्द्र मोदी चुप ही थे। लेकिन इस घटना पर मेरे बोलने के तत्काल बाद, वह इसकी आड़ में अपनी घृणित राजनीति करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा इसलिए, ताकि चुनाव में उनकी पार्टी को कुछ राजनीतिक लाभ मिल जाये, लेकिन यह अति निन्दनीय और शर्मनाक है।’
वहीं, भाजपा ने मायावती के इस बयान की कड़ी निन्दा की है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता चन्द्रमोहन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘मायावती अत्यन्त हताश हैं। हताशा और निराशा में उनकी बौखलाहट बाहर आ रही है… और जो टिप्पणी उन्होंने की है, उससे ज्यादा अभद्र राजनीतिक टिप्पणी कोई नहीं हो सकती है।’’
अलवर कांड पर कांग्रेस को घेरते हुए मायावती ने कहा, ‘‘बसपा अलवर की घृणित एवं शर्मनाक घटना को लेकर दुःखी तथा चिन्तित है और इस मामले में राजस्थान सरकार द्वारा उचित एवं सख्त कानूनी कार्रवाई नहीं किए जाने पर पार्टी, समर्थन वापसी का भी फैसला ले सकती है।’’
उन्होंने कहा, ‘मोदी ने यहाँ उत्तर प्रदेश में अपनी चुनावी जनसभाओं में खासकर दलितों के वोटों को लुभाने के लिए जो अपना फर्जी व नकली दलित प्रेम दिखाने की ड्रामेबाजी की है तो उससे भी अब उन्हें इस चुनाव में कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है।
वैसे भी उत्तर प्रदेश में दलित वर्ग के लोग अभी भी यहाँ सहारनपुर जिले के शब्बीरपुर काण्ड को भूले नहीं हैं, जिस पर संसद में मुझे बीजेपी सरकार के मन्त्रियों ने बोलने तक भी नहीं दिया था। इसे अति गम्भीरता से लेते हुए फिर मुझे इनके हितों में राज्यसभा के पद से इस्तीफा तक देना पड़ा।’’
मायावती ने कहा कि साथ ही दलित वर्ग के लोग अभी भी हैदराबाद के रोहित वेमुला काण्ड और गुजरात में हुए ऊना काण्ड को नहीं भूले हैं। उन्होंने कहा कि गुजरात में अभी हाल ही में शादी के लिए घोड़ी पर चढ़कर जाने की वजह से एक दलित युवक का शोषण व उत्पीड़न किया गया।
बसपा प्रमुख ने कहा कि खास ध्यान देने की बात यह है कि दलित उत्पीड़न के मामलों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज तक खुलकर नहीं बोला है और न ही इन घटनाओं को कभी गम्भीरता से लिया है ।
उन्होंने कहा कि मोदी इस बार चुनाव में अपनी खराब स्थिति को देखते हुए आए दिन अपनी जाति बदलते रहते हैं। वह पिछले दो-तीन दिन से अपनी जाति गरीब ही बता रहे हैं, जिनकी गरीबी को दूर करने की उन्हें रत्तीभर चिन्ता नहीं रही है।
बसपा प्रमुख ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में हमारे गठबन्धन को तोड़ने के लिए मोदी ने मुझे आदरणीय बहन जी व बहन कुमारी मायावती जी कहने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है, लेकिन जैसे ही उनको मेरा मुहँतोड़ जवाब मिला, उन्हें लगा कि अब यह गठबंधन किसी कीमत पर टूटने वाला नहीं है।’’
मायावती ने लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण के मतदाताओं से कहा कि वे हथकण्डों से सावधान रहें और वैसे भी अब इनके (मोदी) 23 मई से काफी बुरे दिन आने वाले हैं।