इटावा, उत्तर प्रदेश में पुलिस आरक्षी भर्ती 2013 के मेडिकल पास अभ्यर्थियों ने नियुक्ति न मिलने से परेशान होकर इच्छा मृत्यु मांगी है। इन अभ्यर्थियों ने इस संबंध में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा है।
इस भर्ती प्रक्रिया के दौरान 11786 अभ्यर्थियों ने मेडिकल परीक्षा भी पास कर ली थी, इसके बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं दी गई है।
इस संबंध में दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि वे सभी ने वर्ष 2012 से अब तक शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशान हैं। नियुक्ति नहीं होने से इनका आत्मविश्वास टूट गया है और जीवन यापन करने में असमर्थ हैं। ऐसे में इनकी जीने की इच्छा समाप्त हो गई है। इसलिए इन्हें इच्छा मृत्यु दी जाए।
ज्ञापन में कहा गया है कि इन अभ्यर्थियों के नारकीय एवं दयनीय स्थिति में पहुंचाने की जिम्मेदारी प्रदेश की वर्तमान सरकार, प्रशासन, यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड की है।
वर्ष 2013 में तत्कालीन सपा सरकार में पुलिस आरक्षी के 41610 पदों के लिए आवेदन मांगे गए थे। इन पदों के लिए 22 लाख अभ्यर्थियों को प्रारंभिक परीक्षा में बुलाया गया था। लिखित परीक्षा व चिकित्सा परीक्षा भी कराई गई और फिर 18 जुलाई 2015 को 38315 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित करके ट्रेनिंग पर भेज दिया गया। शेष पदों को अग्रसारित कर दिया गया।
इस मामले में कुछ अभ्यर्थी उच्च न्यायालय चले गए थे। न्यायालय ने मामले की सुनवाई के बाद चार मई 2018 को प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि इन अभ्यर्थियों को जल्द से जल्द रिक्त पदों पर नियुक्ति दी जाए। इसके बाद भी इन्हें नियुक्ति नहीं दी गई है। सितंबर 2018 से अप्रैल 2019 तक चिकित्सा परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति नहीं दी गई हैए इसके लिए उन्हें झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं।
इन अभ्यर्थियों का कहना है कि उन्हें नियुक्ति दी जाए या फिर इच्छा मृत्यु की अनुमति दी जाए। ज्ञापन देने के लिए कचहरी पहुंचने वालों में सनोज कुमार, रीतेश शाक्य, सौरभ यादव, मधु ठाकुर, पंकज कुमार, सौरभ कुमार, चंद्रकुमार सहित करीब दो दर्जन अभ्यर्थी शामिल हैं।
इन अभ्यर्थियों ने ज्ञापन देने से पहले कुछ देर कचहरी में वटवृक्ष के नीचे धरना भी दिया।