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स्विस बैंक में खाता रखने वाले एक और भारतीय का नाम आया सामने….

नई दिल्ली,मोदी सरकार विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने को लेकर लगातार कोशिश में जुटी है. इस बीच स्विट्जरलैंड से एक बड़ी खबर आई है. स्विट्जरलैंड ने स्विस बैंकों में संदिग्ध धन रखने वाले भारतीय खाताधारकों पर कार्रवाई के लिए भारत के साथ संबंधित सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. इस संबंध में स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने नया सार्वजनिक नोटिस पोतलुरी राजा मोहन राव के नाम जारी किया गया है. इससे पहले पिछले माह ऐसे 14 व्यक्तियों लोगों के बारे में सूचना साझा करने से पहले उनको नोटिस जारी किए गए थे. नियमों के तहत इस तरह के नोटिस उन्हें उनके खातों के बारे में भारत सरकार को जानकारी देने से खिलाफ अपील करने का एक अंतिम मौका देने के लिए जारी किए जाते हैं.

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अधिकारियों के अनुसार आने वाले सप्ताहों में इस तरह के कई नोटिस जारी किए जा सकते हैं. भारत ने स्विस बैंकों में संदिग्ध कालाधन रखने वाले भारतीयों की जानकारियां स्विट्जरलैंड सरकार से मांगी है. राव को यह नोटिस 28 मई को जारी किया गया और उसे अपील करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है. इससे पहले 21 मई को 11 लोगों को नोटिस दिए गए थे.

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स्विट्जरलैंड के संघीय कर विभाग के नोटिस में राव के जन्मदिन (15 जुलाई 1951) और उसके भारतीय पता के अलावा कोई अन्य जानकारी का खुलासा नहीं किया गया है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि राव दूरसंचार समेत दक्षिण भारत में कई तरह के कारोबार में शामिल है. स्विटजरलैंड उसके बैंकों में खाते रखने वाले ग्राहकों की गोपनीयता बनाये रखने को लेकर एक बड़े वैश्विक वित्तीय केन्द्र के रूप में जाना जाता रहा है. लेकिन कर चोरी के मामले में वैश्विक स्तर पर समझौते के बाद गोपनीयता की यह दीवार अब नहीं रही.

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खाताधारकों की सूचनाओं को साझा करने को लेकर भारत सरकार के साथ उसने समझौता किया है. अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते किये गये हैं. स्विस बैंक के विदेशी उपभोक्ताओं की सूचनाएं साझा करने से संबंधित स्विट्जरलैंड के कर विभाग के नोटिसों के अनुसार, स्विट्जरलैंड ने हालिया समय में कुछ देशों के साथ सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. पिछले कुछ सप्ताह के दौरान भारत से संबंधित मामलों में अधिक तेजी आयी है.

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विभाग नोटिस का गजट प्रकाशन (सार्वजनिक) करते समय व्यक्ति का नाम संक्षिप्त कर देता है. पर इनमें दो भारतीयों का पूरा नाम बताया गया है. इनमें मई 1949 में पैदा हुए कृष्ण भगवान रामचंद और सितंबर 1972 में पैदा हुए कल्पेश हर्षद किनारीवाला शामिल हैं. हालांकि, इनके बारे में अन्य जानकारियों का खुलासा नहीं किया गया है.

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अन्य नामों में जिनके शुरुआती अक्षर बताये गये हैं उनमें 24 नवंबर 1944 को पैदा हुए एएसबीके, नौ जुलाई 1944 को पैदा हुए एबीकेआई, दो नवंबर 1983 को पैदा हुई श्रीमती पीएएस, 22 नवंबर 1973 को पैदा हुई श्रीमती आरएएस, 27 नवंबर 1944 को पैदा हुए एपीएस, 14 अगस्त 1949 को पैदा हुई श्रीमती एडीएस, 20 मई 1935 को पैदा हुए एमएलए, 21 फरवरी 1968 को पैदा हुए एनएमए और 27 जून 1973 को पैदा हुए एमएमए शामिल हैं.

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