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चक्रवाती तूफान वायु ने अपनी दिशा बदली, मौसम विभाग ने की ये भविष्यवाणी

गांधीनगर,  अरब सागर में उठे चक्रवाती तूफान वायु ने अपनी दिशा बदल दी है और अब यह खाड़ी के देश ओमान की तरफ बढ़ रहा है जिससे इसके गुजरात तट से टकराने की संभावना नहीं है।  हालांकि इसके गुजरात तट के निकट से गुजरने से भारी वर्षा और तेज हवाओं के कारण तटवर्ती इलाकों में नुकसान का खतरा टला नहींं है।

मौसम विभाग के अनुसार यह जब गुजरात के वेरावल तट से लगभग 150 किमी दक्षिण पश्चिम में स्थित था तभी इसकी दिश बदल गयी और यह उत्तर पश्चिम की ओर यानी ओमान तट की ओर बढने लगा है। आज सुबह यह वेरावल से 110 किमी दक्षिण पश्चिम में स्थित था।इसके निकटता के प्रभाव से गुजरात के तटवर्ती क्षेत्र के मौसम में बदलाव शुरू हो गया है। समुद्र में ऊंची लहरे उठ रही हैं जबकि तटीय क्षेत्रों में तेज हवाएं बह रही हैं।

पिछले 24 घंटे में 108 तालुका में बरसात हुई है जिसमे सर्वाधिक 45 मिमी पाटन में है। अगले तीन दिन तक भी तटीय इलाकों में भारी से अति भारी वर्षा और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की गयी है।ज्ञातव्य है कि कल शाम तक इन इलाकों से तीन लाख से अघिक लोगों को एहतियाती तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था।हिंद महासागर के तट पर स्थित विश्व प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर भी कल दोपहर को धूल की आंधी में घिर गया गया था।

अहमदाबाद मौसम केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने आज बताया कि तूफान अब गुजरात तट से नहीं टकरायेगा पर खतरा टला नहीं है। तेज हवाओं और भारी वर्षा से तटीय क्षेत्रों में नुकसान हो सकता है। भारतीय तटरक्षक दल के कमांडर नवतेज सिंह ने बताया कि अगले आठ नौ घंटे तक तूफान पर नजदीकी से नजर रखी जायेगी और तब तक यह गुजरात तट से कुछ दूर निकल सकता है।यह बेहद धीमी गति से बढ़ रहा है।इसका बाहरी हिस्सा गुजरात के तटीय क्षेत्र को छू सकता है इसलिए लोगों को बाहर नहीं निकलना चाहिए।

इस बीच इसके मद्देजनर तटवर्ती जिलों व्यापक एहतियाती उपाय किये गये हैं। तटवर्ती 11 जिलों के स्कूलों में दो दिनों तक अवकाश की घोषणा कर दी गयी है। तटवर्ती क्षेत्रों की बस, रेल और विमान सेवाएं भी रद्द कर दी गयी हैं। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी स्वंय स्थिति पर करीबी नजर बनाये हुए हैं और राज्य तथा केंद्र सरकार समन्वय के साथ काम कर रही है। सभी प्रभारी मंत्रियों को उनके जिलों में रहने की ताकीद की गयी है। इसके अलावा सभी सरकारी अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं।

हजारों की संख्या में मछुआरों की नौकाएं वापस लौट आयी हैं जबकि घोघा और दहेज के बीच खंभात की खाड़ी में चलने वाली रो रो फेरी सेवा को कल से तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है। लगभग 500 तटवर्ती गांवों ओर निचले इलाकों को खाली करा कर तीन लाख से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है। राहत और बचाव कार्य के लिए सेना के तीनों अंगों को भी तैयार रखा गया है। एनडीआरएफ की 40 से अधिक टुकड़ियां, 300 मरीन कमांडो, एसआरपी और एसडीआरएफ के जवान इन इलाको में तैनात हैं। तटवर्ती इलाकों में पुलिस ने रात को गश्त लगायी थी और यह अब भी वहां तैनात है।

राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने बताया कि अब भी समुद्री किनारों पर किसी को नहीं जाने दिया जा रहा है। अब तक चक्रवाती तूफान के प्रभाव के कारण राज्य में एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है।गौरतलब है कि इससे पहले दो बार ऐसे तूफानों की चेतावनी अंत में फुस्स साबित हुई थी। वर्ष 2014 के अक्टूबर में नीलोफर तूफान और 2017 दिसंबर में ओखी तूफान गुजरात तट से टकराते समय महज निम्न दबाव के मामूली क्षेत्र में तब्दील हो गये थे। इनसे कोई नुकसान नहीं हुआ था जबकि इससे पहले इनसे निपटने के लिए व्यापक तैयारी की गयी थी और सेना के तीनो अंगों को भी तैयार रखा गया था।