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संस्कृत संस्थान, कम से कम दो गांवों को संस्कृत भाषी बनायें- डॉ. रमेश पोखरियाल

नयी दिल्ली,  मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने बृहस्पतिवार को कहा कि संस्कृत संस्थानों को अपने आस-पास कम से कम दो गांवों को संस्कृत भाषी बनाने का लक्ष्य रखना चाहिये।

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केंद्रीय भाषा संस्थानों के प्रमुखों के साथ बृहस्पतिवार को यहां एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए निशंक ने कहा कि भाषाओं के लिए समर्पित संस्थानों को आधारभूत रूप से सशक्त और प्रभावी होना चाहिए। निशंक ने कहा कि सभी भारतीय भाषाओं को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने के लिए सभी रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरा जाना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि मंत्रालय के अधिकारियों के साथ केंद्रीय भाषा संस्थानों के प्रमुखों की लगातार समीक्षा बैठक होती रहनी चाहिए जिससे भारतीय भाषाओं के विकास को लगातार गति मिल सके।उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक प्रशिक्षित संस्कृत अध्यापकों की संख्या को बढ़ावा देने का लक्ष्य होना चाहिए ताकि संस्कृत भाषा को नया आयाम मिल सके।

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निशंक ने संस्कृत पर विशेष बल देते हुए कहा कि संस्कृत संस्थानों को अपने आस पास कम से कम दो गांवों को संस्कृत भाषी बनाने का लक्ष्य रखना चाहिये। इस अवसर पर मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री संजय धोत्रे भी मौजूद थे।

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