वित्त मंत्री सीतारमण ने लगायी राहतों की झड़ी, की ये बड़ी घोषणायें
August 23, 2019
नयी दिल्ली, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैश्विक स्तर पर जारी आर्थिक सुस्ती के बीच घरेलू स्तर पर ऑटोमोबाइल क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से वाहन खरीदने वालों से लेकर पूंजी बाजार के निवेशकों के लिए राहतों की झड़ी लगा दी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर और मंत्रालय के विभिन्न विभागों के सचिवों के साथ संवाददाताओंं से चर्चा में ये घोषणायें करते हुए कहा कि बजट में उच्च आय वर्ग पर लगाये गये उपकर के कारण घरेलू निवेशक और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक परेशान हैं।
इसके मद्देनजर इन घरेलू निवेशकों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ को वापस लिया जा रहा है। इसके तहत दीर्घकालिक या अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर वर्ष 2018-19 के लिए जारी कर व्यवस्था ही प्रभावी होगी। इस निर्णय से सरकार के राजस्व में 1400 करोड़ रुपये की कमी आयेगी।
उन्होंने कहा कि इसी तरह से ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अगले वर्ष एक अप्रैल से नयी व्यवस्था अर्थात बीएस-6 के लागू होने के मद्देनजर ग्राहकों के मन में बीएस-4 वाहनों को लेकर आशंकायें हैं, जिसे दूर किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2020 तक खरीदे गये सभी बीएस-4 वाहन पूर्ण पंजीयन अवधि तक के लिए वैध रहेंगे।
इसके साथ ही वाहनों के पंजीयन पर लगने वाले एक मुश्त शुल्क की होने वाली समीक्षा को 31 मार्च 2020 तक के लिए टाल दिया गया है।
उन्होंने कहा कि अब से लेकर 31 मार्च 2020 तक खरीदे जाने वाले वाहनों पर मूल्य में कमी से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए इस कमी को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जा रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार पुराने वाहनों के स्थान पर नये वाहन खरीदने पर लगी रोक को हटायेगी और पुराने वाहनों के लिए स्क्रैप नीति लाने के साथ ही विभिन्न उपायों पर भी विचार करेगी।
आर्थिक स्थिति को लेकर हो रही सरकार की आलोचना के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दुनिया भर में अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में हलचल के बावजूद भारत की आर्थिक स्थिति बेहतर है।
श्रीमती सीतारमण ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दुनिया भर में आर्थिक क्षेत्र में अस्थिरता का माहौल है
वित्त मंत्री ने पूंजी बाजार में निवेश प्रोत्साहित करने के लिए शेयरों के हस्तांतरण से प्राप्त दीर्घावधि एवं अल्पावधि पूंजी लाभ पर बढ़ाया गया प्रभार वापस लेने की घोषणा की।
‘व्यापार जंग’ की वजह से कई देशों में अर्थव्यवस्था की हालत अस्थिर है।
इन सब परिस्थितियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था बेहतर स्थिति में है।
भारत अब भी सबसे तेज गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था है।