नई दिल्ली,समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इन नेताओं के जरिए यूपी में होने वाले उपचुनाव और वर्ष 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं.
सपा के सूत्र बताते हैं कि अखिलेश खुद इलाहाबाद से पूर्व सांसद रेवती रमण, बेनी प्रसाद वर्मा समेत आधा दर्जन पुराने नेताओं के संपर्क में हैं. अब जातीय समीकरण भी ध्यान दिय जा रहा है. वहीं, इंद्रजीत सरोज, नरेश उत्तम पटेल, मुस्लिम समुदाय के अहम हसन और रामआसरे विश्वकर्मा को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
अखिलेश यादव पार्टी से दूरी बनाने वाले उन दिग्गजों की शरण में जा रहे हैं, जिन्होंने कभी मुलायम के साथ समाजवादी झंडा बुलंद किया. इसी क्रम में अखिलेश यादव दिग्गज समाजवादी नेता बेनी प्रसाद वर्मा का हाल जानने उनके घर पहुंचे थे. बेनी प्रसाद वर्मा से उनकी 45 मिनट अकेले में बातचीत हुई थी.
इसी क्रम में योगी सरकार में पूर्व मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर से पिछले दिनों अखिलेश यादव की मुलाकात चर्चा में रही. बीते दिनों बसपा सरकार में पूर्व स्वास्थ्य राज्यमंत्री रहे भूरा राम ने सपा का दामन थाम लिया. वहीं फूलन सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोपाल निषाद भी अपने संगठन के साथ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए.
राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि सपा के राज्यसभा सदस्य सुरेंद्र सिंह नागर और संजय सेठ के पार्टी छोड़ने से एक बड़े नुकसान के रूप में देख रहे है. उन्होनें कहा एक तरफ अखिलेश यादव नए लोगों को भी पार्टी में नहीं रोक पाए, दूसरी तरफ पुराने नेताओं में काफी असंतोष था. अब अखिलेश यादव के सामने पुराने नेताओं को साथ जोड़ने के आलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. उन्होंने माना कि अखिलेश पुराने नेताओं को साथ लाकर एक बार फिर सपा में ऑक्सीजन देने का काम करेंगे.