मनीला, चर्चित भारतीय पत्रकार रवीश कुमार को सोमवार को एशिया का नोबेल पुरस्कार माने जाने वाले रेमन मैगसायसाय अवार्ड से सम्मानित किया गया।
रेमन मैगसायसाय पुरस्कार एशिया का सर्वोच्च सम्मान है और हर साल एशिया के लोगों या संगठनों को दिया जाता है।
रेमन मैगसायसाय अवार्ड के प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि एनडीटीवी इंडिया के सीनियर एक्जीक्यूटिव एडिटर और भारत के प्रभावशाली टीवी पत्रकारों में एक रवीश कुमार अपनी खबरों में आम लोगों की समस्याओं को तरजीह देते हैं।
फिलीपीन की राजधानी मनीला में पुरस्कार ग्रहण करते हुए कुमार ने कहा कि भारतीय मीडिया संकट की स्थिति में है और यह संकट अचानक या आकस्मिक नहीं हुआ है बल्कि ढांचागत तरीके से इसे अंजाम दिया गया।
मीडिया के संकट को समझना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
रवीश कुमार ने कहा, ‘‘ मैं खुद के लिए तो खुश हूं, लेकिन जिस पेशे की दुनिया से आता हूं, उसकी हालत उदास भी करती है।’’
रवीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि पत्रकार होना अब व्यक्तिगत प्रयास हो गया है, क्योंकि समाचार संगठन और उनके कॉरपोरेट एक्जीक्यूटिव अब ऐसे पत्रकारों को नौकरियां छोड़ देने के लिए मजबूर कर रहे हैं, जो समझौता नहीं करते।
फिर भी यह देखना हौसला देता है कि ऐसे और भी हैं, जो जान और नौकरी की परवाह किए बिना पत्रकारिता कर रहे हैं।
रवीश कुमार ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म किए जाने के बाद कश्मीर के हालात और घाटी में संचार पर पाबंदी के विषय पर भी अपनी राय रखी।
उन्होंने कहा,‘‘ जब कश्मीर में इंटरनेट बंद किया गया, पूरा मीडिया सरकार के साथ चला गया, लेकिन कुछ ऐसे भी थे, जिन्होंने सच दिखाने की हिम्मत की, और ट्रोलों की फौज का सामना किया।’’