मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की युगलपीठ एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पंचायत राज अधिनियम के तहत ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव सीधे जनता द्वारा कराये जाने संबंध में राज्य सरकार और चुनाव आयोग से जवाब मांगा है।
न्यायालय ने राज्य सरकार पूछा है कि पंचायत राज अधिनियमए 2019 में चुनाव के दौरान भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए क्या प्रावधान किये गये हैं। न्यायालय ने इस संदर्भ में जानकारी 19 सितंबर तक मुहैया कराने के निर्देश दिये।
उल्लेखनीय है कि देहरादून निवासी विपुल जैन ने उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश के पंचायत चुनावों में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के चयन में बड़ी धांधली होती है। सदस्यों को धन का लालच और अन्य प्रलोभन दिया जाता है। इससे भ्रष्टाचार व अपराध को भी बढ़ावा मिलता है। याचिका में वर्तमान व्यवस्था में बदलाव करने के लिए सरकार को दिशा निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है।