लखनऊ, फौजी तेज बहादुर ने संभाला, मृतक पुष्पेन्द्र यादव के परिवार को न्याय दिलाने का जिम्मा संभाल लिया है,
तमाम लोगों के साथ वह अपनी मांगें माने जानें तक धरने पर बैठ गयें हैं।
उन्होंने कहा कि मेरा ये धरना अनिश्चत कालीन है और जबतक मेरी पांचों मांगे मान नही ली जातीं है, मैं यहां से नहीं हटूंगा।
सेना से बर्खास्त किए जा चुके बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव भी तमाम समर्थकों के साथ पुष्पेंद्र के घर मंगलवार को पहुंचे।
उन्होंने मृतक के परिवार से मुलाकात करते हुए उनके दर्द को सुना। तेजबहादुर ने पीड़ित परिवार को ढांढस बंधाते हुए कहा कि न्याय के लिए
वो परिवार के साथ खड़े हैं।
उन्होंने सूबे की पुलिस के कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए कहा कि लोकतंत्र की हत्या सरकारी मिशनरी कर रही है।
उन्होने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुये कहा कि पुष्पेन्द्र यादव ने पुलिस को मनमुताबिक मागें जाने वाले रुपए नहीं दिए।
इसलिए पुलिस ने पुष्पेन्द्र का एनकाउंट कर दिया है।
उन्होने कहा कि वह और उसके साथी पुष्पेन्द्र यादव को न्याय दिलाने के लिए हर सम्भव प्रयास करेंगे।
पूर्व जवान तेज बहादुर मृतक पुष्पेन्द्र यादव के गांव से लेकर तहसील तक पैदल मार्च किया।
इसमे उनके साथ अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के प्रदेश महासचिव अशोक यादव सहित सैकड़ों लोग शामिल हुये।
तहसील प्रांगण मे धरने पर बैठे बीएसएफ के पूर्व जवान तेज बहादुर यादव ने कहा कि जिन्होंने एंकाउंटर किया है ,
उनपर हत्या का मुकदमा दर्ज हो, सीबीआई द्वारा इस कांड की निष्पक्ष जांच करायी जाये,
पीड़ित परिवार को पांच करोड़ रूपये मुआवजा दिया जाये और पुष्पेंद्र यादव की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाये,
पुष्पेंद्र यादव के मित्रों और उनके परिवार पर लगाये गये सभी फर्जी केस तुरंत समाप्त किये जायें।
जब से सूबे में योगी सरकार बनी है तभी से तेजी से एनकाउन्टर करने का सिलसिला अनवरत जारी है।
उत्तर प्रदेश में हुये एंकाउंटर में अबतक 58 लोग मारे गए हैं।
यूं तो उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के पुलिस एनकाउंटर पर सवाल हमेशा से उठते रहे हैं।
लेकिन इस बार मामला और पेचीदा हो गया है। करगुआं गांव के रहने वाले लोग अब पुष्पेंद्र यादव के समर्थन में खुलकर आ गए हैं।
राज्यसभा सांसद चंद्रपाल सिंह यादव ने इसे हत्या करार देते हुए आरोप लगाया कि पैसे के लेनदेन के विवाद में उसकी हत्या कर दी है।