लखनऊ, पुष्पेंद्र यादव पुलिस मुठभेड़ मामले में जैसे – जैसे बातें खुल रहीं है और मुठभेड़ की सच्चाई सामने आ रही है,
योगी सरकार दबाव मे आती दिखाई दे रही है। अब सरकार ने प्रेस वार्ता कर अपनी सफाई पेश की है।
झांसी में पुष्पेंद्र यादव पुलिस मुठभेड़ मामले में दबाव मे आयी योगी सरकार ने प्रेस वार्ता कर सफाई दी है।
एडीजी कानून व्यवस्था पीवी रामशास्त्री ने प्रेसवार्ता में कहा कि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष विवेचना हो रही है।
डीजीपी मुख्यालय से दो अलग अलग मुकदमों की जांच की मॉनिटरिंग की जा रही है।
पीड़ित पक्ष के आरोपों को भी विवेचना में शामिल किया गया है।
परिवार के किसी अन्य एजेंसी से जांच की मांग किये जाने पर विचार होगा।
उन्होंने कहा कि पुष्पेंद्र यादव पर पांच मुकदमें दर्ज थे।
मंगलवार की दोपहर यूपी पुलिस ने पुष्पेंद्र यादव के खिलाफ पहले दर्ज हुए मामलों की सूची ट्वीट की, जो उसके क्रिमिनल रिकॉर्ड को दर्शाता
है।
लेकिन देखा जाए तो इनमें ज्यादातर ग्रामीण स्तर के विवादों से जुड़े केस थे।
लेकिन खनन या किसी भी बड़े अपराध से जुड़ा कोई मामला नहीं था।
झांसी पुलिस द्वारा जारी ट्वीट मे पुष्पेंद्र यादव पर दो मुकदमे दर्ज होना बताया गया था।
एडीजी कानून व्यवस्था पीवी रामशास्त्री ने प्रेसवार्ता में पांच मुकदमे दर्ज हो ना बताया है।
पुष्पेंद्र यादव के परिजनों द्वारा लगातार सीबीआई जांच की मांग की जा रही है, लेकिन प्रेस वार्ता मे एडीजी कानून व्यवस्था का यह कहना कि
परिवार के किसी अन्य एजेंसी से जांच की मांग किये जाने पर विचार होगा आश्चर्यजनक है।
इधर, राजनीतिक दलों का आरोप है कि एनकाउंटर के नाम पर विशेष वर्ग के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।
पुष्पेंद्र मुठभेड़ कांड की उच्चस्तरीय जांच कराने व दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की।
कांग्रेस ने तो भाजपा शासनकाल में हुई सभी पुलिस मुठभेड़ों की सीबीआइ जांच तक कराने की मांग कर दी है।
2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद से यूपी पुलिस द्वारा इनकाउंटर में 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
सरकार को फर्जी एनकाउंटर्स को लेकर विपक्ष द्वारा कड़ी आलोचना का लगातार सामना करना पड़ रहा है।