लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कोरोना संकटकाल में आयी ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था ने शिक्षाशास्त्र के नए प्रारूपों को गति दी है।
श्रीमती पटेल ने शनिवार को आदिनाथ कालेज आफ एजूकेशन, ललितपुर द्वारा महात्मा गांधी की फिलासिफी पर आधारित वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि उशिक्षाविदों तथा संस्थानों द्वारा ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये जबरदस्त पहल हुई है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों के पास समाज में विश्वसनीयता साबित करने का यह एक बड़ा अवसर है कि वे समाज के लिए ज्ञान और विशेषज्ञता के स्रोत के रूप में कार्य कर सकें।
उन्होने कहा कि स्वच्छता, स्वदेशी और स्वावलंबन गांधी जी द्वारा बताये गये ऐसे मंत्र हैं, जो कोविड-19 जैसी महामारी और उससे उत्पन्न हुई परिस्थितियों के समाधान में सहायक हो सकते हैं। महात्मा गांधी ने देशवासियों से सदैव स्वच्छता का पालन करने, स्वदेशी अपनाने और स्वावलम्बी बनने का जो आह्वान किया था, वह आज भी प्रासंगिक है।
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान समय में स्थानीय और वैश्विक शिक्षा का हर पहलू कोविड-19 के संकट से ग्रस्त है। इसने जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इस भीषण संकट के फलस्वरूप जीवन जीने के नजरिए में बहुत बड़ा बदलाव होगा। राज्यपाल ने कहा कि मानव को अपने अस्तित्व के लिए और कोविड-19 के वर्तमान और भविष्य के परिप्रेक्ष्य में अपनी जीवन शैली में परिवर्तन लाना होगा।
उन्होने कहा कि संक्रमण काल के दौरान गांव की ओर लौटे प्रवासी श्रमिकों को उनके घर के आसपास रोजगार उपलब्ध कराना एक चुनौती है। गांधी जी के अर्थ दर्शन के अनुसार हमें चुनौती, शक्ति, परिस्थिति और संसाधन को मिलाकर अवसर विकसित करना होगा। स्वदेशी अपनाने से इस समस्या का समाधान मिल सकता है और हम स्वालम्बन की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।