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हिमालयन रॉकेट स्टोव की मेजबानी में IIT दिल्ली में हुआ कॉन्फ्रेंस का आयोजन जिसमें प्रख्यात हस्तियां हुई शामिल

नयी दिल्ली,आई-आई (IIT) दिल्ली में एक अहम कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया जिसमें ‘हिमालय और अन्य क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के समाधान को विस्तार देने’ पर चर्चा की गई। इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन हिमालयन रॉकेट स्टोव ने किया जो हिमालय के दूरदराज के इलाकों में अपने नये और पर्यावरण अनुकूल हीटिंग सिस्टम के लिए प्रसिद्ध है।

प्रख्यात हस्तियां-
इस कार्यक्रम में कई प्रख्यात हस्तियों ने भाग लिया जिनमें मशहूर इंजीनियर और शिक्षा सुधारक सोनम वांगचुक, सोशल अल्फा की स्मिता राकेश, हिमालयन रॉकेट स्टोव के संस्थापक रसल कॉलिन्स और रणनीतिक सलाहकार अजय मुटरेजा शामिल रहे। इन सभी ने जलवायु परिवर्तन जैसे गंभीर विषय के तत्काल समाधान पर गहन चर्चा की।

सोनम वांगचुक-
चर्चा के दौरान जलवायु परिवर्तन के स्थायी और प्रभावशाली समाधान पर जोर देते हुए सोनम वांगचुक ने कहा कि “हिमालय और उसके आस-पास के क्षेत्रों में जलवायु परिवर्तन बहुत ज्यादा प्रभावी है यानी वहां इसे घटित होते हुए देखा जा सकता है। इसके कारण हिमालय को काफी नुकसान पहुंच रहा है और वहां के पारिस्थितिकी तंत्र पर इसका बहुत ज्यादा असर पड़ा है। इसलिए हमें ना सिर्फ जलवायु परिवर्तन का स्थायी समाधान विकसित करना होगा बल्कि उसे बड़े पैमाने पर लागू भी करना होगा।“

रसल कॉलिन्स-
हिमालयन रॉकेट स्टोव के संस्थापक रसल कॉलिन्स ने भी जलवायु परिवर्तन को पूरी दुनिया के लिए बड़ा खतरा बताते हुए कहा कि “हमारी संस्था जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हिमालयन रॉकेट स्टोव का उद्देश्य ऐसे नए तरीकों को विकसित करना है जो जलवायु परिवर्तन का प्रभावी ढंग से समाधान कर सकें। हमें उम्मीद है कि इस कॉन्फ्रेंस के जरिए हमारी नई तकनीक और जलवायु परिवर्तन से निपटने की रणनीतियां हिमालय से भी परे, कई लोगों तक पहुंचेगी।”

स्मिता राकेश-
इस कॉन्फ्रेंस के अलग-अलग सत्र में जलवायु परिवर्तन के लिए काम करने वाली संस्थाओं, समुदायों और सरकारों के बीच सहयोग को मजबूत करने जैसे विषयों पर भी चर्चा हुई। स्मिता राकेश ने जलवायु परिवर्तन के स्थायी समाधान के लिए नये तरीकों पर जोर दिया, उन्होंने कहा कि “पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचाने वाली नई तकनीकों और परस्पर सहयोग के माध्यम से हम जलवायु परिवर्तन के स्थायी समाधान तक पहुंच सकते हैं। हिमालयन रॉकेट स्टोव के द्वारा किया जा रहा कार्य यह साबित करता है कि नई तकनीक के जरिए हम एक बहुत बड़ा सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।”

अजय मुटरेजा-
अजय मुटरेजा ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए इस प्रकार की पहल के रणनीतिक महत्व पर जोर दिया, “जलवायु परिवर्तन के प्रभावी और स्थायी समाधान के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारे समाधान उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें सही मायनों में इनकी जरूरत है, ये सिर्फ कागजों तक सीमित ना रहें और हिमालयन रॉकेट स्टोव इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जिसकी वजह से इस दिशा में सकारात्मक कार्य हुआ है।“

हिमालयन रॉकेट स्टोव-
हिमालयन रॉकेट स्टोव की मेजबानी में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में जलवायु परिवर्तन के स्थायी समाधान की प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया। नई तकनीक, रणनीतिक दृष्टिकोण और सकारात्मक सोच के साथ इस दिशा में कार्य करने पर सभी ने सहमति जताई।

स्थापना-
हिमालयन रॉकेट स्टोव (HRS) की स्थापना रसल कॉलिन्स ने की जो एक ऑस्ट्रेलियाई मूल के नागरिक हैं, 1992 में उन्होंने हिमालयी क्षेत्र की पहली यात्रा की और उसके बाद से उन्होंने अपना जीवन उस क्षेत्र को समर्पित कर दिया। हिमालयन रॉकेट स्टोव ने नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए ऐसे हीटिंग उपकरण बनाए हैं जो पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं, या यूं कहें कि उनके ये उपकरण जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने और आम लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने में काफी कारगर साबित हुए हैं। हिमालयी क्षेत्रों में रहने वाले अनेक लोगों के जीवन में उनकी इस नई तकनीक का सकारात्मक असर पड़ा है।

रिपोर्टर-आभा यादव