महाराजा सुहेलदेव विजय स्मृति दिवस पर भव्य विजय जुलूस का आयोजन

लखनऊ, महाराजा सुहेलदेव विजय स्मृति दिवस समिति द्वारा आज दिनांक 8 जून को महाराजा सुहेलदेव विजय स्मृति दिवस अत्यंत भव्यता, श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। यह ऐतिहासिक आयोजन दारुलशफा गेट नंबर 1 से प्रारंभ होकर महाराजा सुहेलदेव तिराहा तक विशाल विजय जुलूस के रूप में सम्पन्न हुआ। इस दौरान दर्जनों वाहनों में सवार कार्यकर्ता हाथों में भगवा ध्वज लिए जयघोष करते हुए पहुंचे।
जुलूस के समापन पर प्रान्त संयोजक श्री अनुराग शुक्ल ने महाराजा सुहेलदेव जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने जोशीले संबोधन में उन्होंने कहा:
“महाराजा सुहेलदेव केवल एक योद्धा नहीं, बल्कि वह सनातन धर्म और भारतीय आत्मसम्मान के महान रक्षक थे। उन्होंने आक्रांता सालार गाजी को बहराइच की युद्धभूमि में परास्त कर यह सिद्ध किया कि भारत की भूमि पर कोई विदेशी अत्याचारी अधिक दिन टिक नहीं सकता। उनका जीवन आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा है।”
महाराजा सुहेलदेव का संक्षिप्त परिचय:
महाराजा सुहेलदेव 11वीं शताब्दी के एक पराक्रमी हिन्दू राजा थे, जिनका साम्राज्य आज के उत्तर प्रदेश के बहराइच, श्रावस्ती और आसपास के क्षेत्रों में फैला था। जब गजनवी आक्रमणों के बाद भारत के उत्तरी भूभाग पर इस्लामी आक्रांताओं का संकट गहराया, तब सुहेलदेव ने भारतीय गौरव और धर्म की रक्षा के लिए तलवार उठाई। बहराइच की प्रसिद्ध लड़ाई में उन्होंने गजनवी सेना के सेनापति सालार सैय्यद गाजी को निर्णायक रूप से पराजित किया। उनके शौर्य और बलिदान को आज भी राष्ट्र गौरव की गाथा के रूप में याद किया जाता है।
इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि एवं समाजसेवी शामिल हुए, जिनमें विशेष रूप से: अनुराग शुक्ल,विजय बहादुर सिंह, सुनील अग्रवाल, रचित सोढ़ी, प्रचार प्रमुख विकास शुक्ल, दक्षिण जिला संयोजक श्रीमती अनीता जी, उत्तर जिला संयोजक हरीश बंसल, अनिल राज चौधरी, वाशु प्रजापति, अनमोल प्रजापति, विपिन प्रजापति, पंकज त्रिपाठी आदि सम्मानित व्यक्तियों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम को गौरव प्रदान किया।
अंत में समिति द्वारा यह संकल्प लिया गया कि महाराजा सुहेलदेव जैसे वीरों की गाथा को देश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाया जाएगा ताकि नई पीढ़ी को अपने गौरवशाली इतिहास पर गर्व हो और वह राष्ट्रधर्म के प्रति निष्ठावान बने।