मल्लिका ए ग़ज़ल बेगम अख्तर की स्मृति में बनने वाला संग्रहालय एवं अकादमी डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के अधीन स्थापित होगी साथ एक स्वतंत्र इकाई होगी।और एक संचालन समिति इसकी निगरानी करेगी।विश्वविद्यालय ने इसके लिए 10 हज़ार वर्ग फीट जमीन दी है और वह एक आरंभिक राशि भी देगा। उसके बाद शेष राशि चंदे एवं अनुदान से एकत्र की जायेगी।
यह संग्रहालय एवं अकादमी जिसमें आठ सभागार होंगे।संगीत के सात सुर के नाम पर सात ब्लॉक बनेंगे और हर ब्लॉक में 250 सीटों का एक सभागार होगा। इसके अलावा एक मुख्य सभागार भी होगा। जिनमे संगीत और कला के कार्यक्रम होंगे। देखा जाये तो फैजाबाद में इस महान गायिका के नाम पर कुछ भी नहीं है। कुछ साल पहले निगम की ओर से एक सड़क का नाम उनके नाम पर रखा गया था जो अब जर्जर हालत में है।
सूत्नो से ने बताया कि यह संगीत कला अकादमी एशिया की सबसे बड़ी अकादमी होगी जिसमें युवा कलाकारों को प्रशिक्षित किया जायेगा और उन्हें पेशेवर कलाकार बनाया जायेगा ताकि उन्हें रोजगार मिल सके। प्रशिक्षण के अभाव में वे पेशेवर कलाकार नहीं बन पाते। उन्होंने बताया कि बेगम के नाम पर संग्रहालय में बेगम अख्तर से जुडी चीज़ें होंगी। दो साल के भीतर इसे बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
फैजाबाद में पैदा हुई मल्लिका ए ग़ज़ल बेग़म अख्तर के नाम से प्रसिद्ध,अख्तरी बाई फ़ैज़ाबादी भारत की प्रसिद्ध गायिका थीं, जिन्हें दादरा, ठुमरी व ग़ज़ल में महारत हासिल थी। उन्हें कला के क्षेत्र में भारत सरकार पहले पद्म श्री तथा सन १९७५ में मरणोपरांत पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। उन्हें “मल्लिका-ए-ग़ज़ल” के खिताब से नवाज़ा गया था।अपनी जादुई आवाज से श्रोताओं के दिलों के तार झंकृत करने वाली यह महान गायिका 30 अक्तूबर 1974 को इस दुनिया को अलविदा कह गई।