पटना, बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के निधन पर बिहार के कुछ जिलों मे शोक की लहर छा गई है।
सुशांत सिंह राजपूत के निधन पर उनके पैतृक जिला पूर्णिया और ननिहाल खगड़िया में शोक की लहर दौड़ गयी है।
बिहार की राजधानी पटना में जन्में सुशांत का पूर्णिया और खगड़िया जिले से गहरा नाता है। उनका पैतृक गांव पूर्णिया में बड़हरा कोठी (बीकोठी) स्थित मलडीहा में है वहीं खगड़िया जिले में उनका ननहिाल है।
सुशांत करीब 17 वर्षों के बाद मई 2019 में पैतृक गांव आए थे। पैतृक गांव आने पर अपने रिश्तेदारों और बचपन के दोस्तों से मिले थे। उन्होंने भगवान शिव के प्रसिद्ध मंदिर बरुणेश्वर स्थान में अपने परिवार के साथ पूजा-अर्चना की थी। उनके साथ उनके पिता कृष्ण कुमार सिंह, उनके बड़े भाई नीरज कुमार बबलू, चाचा रामकिशोर सिंह भी थे।
उनकी एक झलक पाने को गांव के लोग बेताब हो गए थे। गांव आने पर वह खेत-खलिहान के अलावा आम के बागीचा में भी गए थे। उन्होंने बचपन के दोस्तों के साथ फोटो खींचवाई थी।
पूर्णिया में सुशांत अपने सभी रिश्तेदारों से मिलने के बाद अपने परिवार के साथ मुंडन कराने ननिहाल खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड स्थित बौरने स्थान निकल गए थे। नाव से बागमती नदी पार कर अभिनेता अपने ननिहाल पहुंचे थे। बोरने पहुंचे अभिनेता सबसे पहले माता भगवती मंदिर गए। मंदिर पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने माता का दर्शन किया और फिर कुल देवी का आशीर्वाद लिया। उसके बाद फिर मंदिर पहुंचकर समाजिक और हिन्दू रीति रिवाज से उनका मुंडन संस्कार किया गया। हालांकि उनका एक ही लट (बाल) काटा गया था।
सुशांत की मौत की खबर सुनकर पूर्णिया और खगड़िया जिले के लोग स्तब्ध रह गए। अभी भी किसी को विश्वास नहीं हो रहा है कि उनका हीरो अब नहीं रहा।